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24 फरवरी से निर्माण निगम कर्मचारी करेंगे अनिश्चितकालीन प्रदर्शन

लखनऊ।

आंदोलन के संयोजक राज बहादुर सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की तरह अगर राजकीय निर्माण निगम को ईपीसी मोड पर कार्यदायी संस्था नामित नहीं किया तो वह 24 फरवरी को अनिश्चिितकालीन प्रांत व्यापी धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे। उत्तर प्रदेश के राजकीय निर्माण निगम के कर्मचारियों का प्रदेश व्यापी आन्दोलन जारी हैं।

सोमवार को बुद्धिशुद्धि यज्ञ कर अल्पकालीन कार्य बहिष्कार किया। जिसके बाद मंगलवार को निगम मुख्यालय पर एकत्रित होकर कर्मचारियों और अधिकारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रदेश सरकार से काम वापस लिए जाने वाले आदेश पर पुर्नविचार करने की मांग की।  उन्होंने बताया कि 24 फरवरी तक आन्दोलन के क्रम में सुबह 10 से 12 बजे तक अल्पकालीन कार्यबहिष्कार जारी रहेगा।

निगम मुख्यालय पर संघर्ष समिति के सह संयोजक इंजीनियर संदीप कुमार सिंह, इंजीनियर मिर्जा फिरोजशाह, उमाकान्त, जागेश्वर प्रसाद, एस.डी. द्विवेदी, और सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार को इस मसले में गोलमेज पर वार्ता के बाद ही इस आदेश को लागू करना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि सरकार को अब तक राजकीय निर्माण निगम द्वारा समय और मानकों के अनुरूप परिपूर्ण कराई गई परियोजनाओं की समीक्षा करनी चाहिए। यूपी सरकार के इस निर्णय से लगभग 2500 कर्मचारियों के भविष्य के लिए खतरा उत्पन्न हो चुका है। हमारा सरकार से यही प्रश्न है कि जब राजकीय निर्माण निगम की ख्याति पूरे देश में है।

राजकीय निर्माण निगम फायदे में चलने वाला राज्य का पहला उपक्रम है इसे अचानक इस तरह के निर्णय लेकर बंदी की कगार पर क्यों धकेला जा रहा है। समिति के एस.पी. पाण्डेय, नान बच्चा तिवारी, शिवनन्दन प्रसाद वर्मा, राजेश कुमार चौहान, संतोष कुमार वर्मा, एस.पी. खण्डूरी, भजनलाल यादव और पी.एन. सिंह ने बताया कि निगम द्वारा बनाई गई कई बड़ी परियोजनाओं के आगणन और अन्य प्राविधानों को इस आदेश के उपरान्त पुनः आगणन व प्राविधानों को लागू कराया जाएगा।

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