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सूर्योदय भारत समाचार सेवा, सहारनपुर : कल पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों के रुझान एवं कम मत प्रतिशत के चलते मुख्यमंत्री योगी नाराज नजर आ रहे हैं। जल्द ही लखनऊ में कुछ विधायकों की परेड हो सकती है। भविष्य में कुछ विधायको की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चुनाव प्रचार के दौरान संगठन के कुछ वरिष्ठ लोगों ने कुछ विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे।
धर्म सिंह सैनी की देर से हुई जॉइनिंग और स्थान को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा है, यदि योगी के स्टेज पर सहारनपुर में धर्म सिंह सैनी की जॉइनिंग कराई जाती, तो सैनी समाज में बहुत अच्छा संदेश जाता, कुछ नेता अपने निहित स्वार्थ के चलते धर्म सिंह सैनी के मामले में पार्टी हाई कमान को गुमराह करते रहे ! सहारनपुर के दो मंत्रियों के पर भी आने वाले समय मे कतरे जा सकते है। मुख्यमंत्री का सबसे ज्यादा ध्यान इन्हीं सीटों पर था, जिस कारण उन्होंने चुनाव से पहले चार बार जिले में सभा की। उसके बाद भी जिस तरह के रुझान आ रहे हैं, उससे योगी का नाराज होना स्वाभाविक है, गंभीर परिणामों के लिए यहां के नेताओं को तैयार रहना चाहिए।
अनेकों हिंदू बहुल क्षेत्रों में शाम के 4:00 तक तक भाजपाई, मतदाताओं को घरों से पोलिंग स्टेशन पहुंचाने के लिए नहीं आए और न ही मतदाताओं के लिए वाहन का प्रबन्ध किया गया ! भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार सहारनपुर लोकसभा सीट पर 65.95% मतदान हुआ है और सहारनपुर नगर सीट पर अनुमानतः 60.61% मतदान हुआ है.
कल सहारनपुर नगर सीट पर हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों में एक आश्चर्यजनक दृश्य देखने को मिली कि अधिकतर हिंदू बहुल क्षेत्रों में न तो भाजपा का कोई कार्यकर्ता व नेता घर-घर जाकर कर मतदाताओं को पोलिंग स्टेशन पर चलने के लिए कहता नजर आया और न ही अधिकतर हिंदू बहुल क्षेत्रों में मतदाताओं को पोलिंग स्टेशन तक ले जाने और लाने के लिए ई-रिक्शा या अन्य कोई वाहन लगाया गया. इसके साथ-साथ सबसे गंभीर बात यह थी की पुराने शहर में अनेकों लोगों ने यह भी बताया कि हमारी वोटर पर्चियां ही नहीं आई हैं. जिस कारण मतदाताओं का रुझान कम होता चला गया !.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां उत्तर प्रदेश की उन सीटों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं जो 2019 में बीजेपी जीत नहीं पाई थी, जिसमें सहारनपुर की सीट भी शामिल है. इस सीट पर भाजपा कार्यकर्ता और नेता इतने निष्क्रिय दिखाई दिए कि जनता और यहां तक के विपक्ष भी हैरान था. हर समय मोदी – योगी का दम्भ भरने वाले नेता व कार्यकर्ता यह क्यों भूल गए कि हर चुनाव की तरह इस चुनाव में भी मतदाताओं को मतदान के दिन प्रेरित करके या बार-बार कह कर वाहनों में बिठाकर, मतदान केंद्रों तक भेजना था जो कि बिल्कुल नहीं किया गया, इसे क्या समझा जाए ? जिन लोगों को इस चुनाव की जिम्मेदारियां सौंपी गई थी उन्होंने क्या किया ? इस प्रश्न वाचक चिन्ह पर प्रत्याशी राघव लखनपाल शर्मा व भाजपा शीर्ष नेतृत्व को गंभीरता से ध्यान देना होगा.