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21 घंटे बाद खुला बद्रीनाथ हाईवे मलबा आने से फिर हुआ बंद, केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा दूसरे दिन भी बाधित

जोशीमठ: लामबगड़ में 21 घंटे बाद रविवार को बदरीनाथ हाईवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई, लेकिन सिर्फ तीन घंटे खुला रहने के बाद फिर चट्टान से मलबा और बोल्डर आने के कारण हाईवे बंद हो गया है। हाईवे खुलने पर बदरीनाथ धाम और विभिन्न पड़ावों पर रोके गए करीब 4000 तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य को भेजा गया। शनिवार को बारिश के दौरान चट्टान से मलबा और बोल्डर आने से लामबगड़ में बदरीनाथ हाईवे दोपहर में अवरुद्ध हो गया था। रविवार को बारिश थमने के बाद सुबह जेसीबी से मलबा और बोल्डरों को हटाने का काम शुरू हुआ। पूर्वाह्न तक वाहनों की आवाजाही शुरू करवाई गई। इस दौरान जगह-जगह रोके गए करीब चार हजार तीर्थयात्रियों को उनके गंतव्य को भेजा गया, लेकिन फिर बारिश शुरू होने पर दोपहर हाईवे बंद हो गया। लामबगड़ क्षेत्र में रविवार को दिनभर रुक-रुककर भारी बारिश होती रही। हाईवे अवरुद्ध होने से बदरीनाथ धाम जाने वाले करीब 500 तीर्थयात्रियों को यात्रा पड़ावों पर रोक लिया गया है। गोविंदघाट के थाना प्रभारी बृजमोहन राणा का कहना है कि बारिश के कारण हाईवे बार-बार बाधित हो रहा है। बदरीनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों को गोविंदघाट और पांडुकेश्वर में ठहराया गया है। मौसम सामान्य होने पर ही हाईवे को खोलने का काम शुरू किया जाएगा। रुद्रप्रयाग में मौसम का मिजाज दूसरे दिन भी बिगड़ा रहा। क्षेत्र सहित केदारनाथ में दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। केदारनाथ में चारों तरफ घना कोहरा छाया रहा, जिस कारण गुप्तकाशी और अन्य स्थानों से धाम के लिए हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके। बारिश के कारण शनिवार को भी धाम में हेलीकॉप्टर सेवा बाधित रही थी। रविवार तड़के से सुबह तक जनपद के सभी क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। इसके बाद मौसम में कुछ सुधार हुआ। लेकिन अपराह्न दोबारा बारिश शुरू हो गई, जो रुक-रुककर दिनभर होती रही। धाम में मौजूद वुड स्टोन के देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि केदारनाथ में बीते दो दिन से ठंड का प्रकोप बना हुआ है। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी हरीश चंद्र शर्मा ने बताया कि केदारनाथ यात्रा सुचारु है। मौसम को देखते हुए पैदल मार्ग और पड़ावों पर तैनात सुरक्षा जवानों को तत्पर रहने को कहा गया है।

बाबा केदार के दर्शन के लिए परिवार के साथ कर्नाटक से आई एक महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार केदारनाथ यात्रा के लिए सुवर्णा राजेश्वर (80) निवासी देवंगई कर्नाटक अपने परिवार के साथ बीते शनिवार को रुद्रप्रयाग पहुंची थीं। उन्हें रविवार को धाम के लिए रवाना होना था। रात्रि प्रवास के लिए वे गढ़वाल मंडल विकास निगम के विश्राम गृह में रुके हुए थे, जहां रात को उनकी तबियत खराब हो गई। स्थानीय कर्मचारियों की मदद से परिजनों ने उन्हें जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच पर रविवार दोपहर स्वांला के पास चट्टान खिसक गई। इसके चलते करीब तीन घंटे तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही ठप रही। जाम के चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिसमें सैकड़ों मुसाफिर फंसे रहे। टनकपुर-पिथौरागढ़ पर ही शनिवार रात घाट में लीसा डिपो के पास मलबा आने से शव लेकर जा रही एंबुलेंस रात भर फंसी रही। एंबुलेंस बरेली से गंगोलीहाट जा रही थी। दिल्ली से पिथौरागढ़ जा रही 34 यात्रियों से भरी पिथौरागढ़ डिपो की बस भी रात भर फंसी रही। बस में बच्चे और महिलाएं भी थीं। सभी यात्रियों को रात भर भूखे रहना पड़ा।

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