सूर्योदय भारत समाचार सेवा, मोहम्मदाबाद : मुख्तार अंसारी को आज उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर जिले में स्थित मोहम्मदाबाद में उनके पैतृक काली बाग कब्रिस्तान में दफनाया गया। मुख्तार अंसारी का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए हज़ारों लोग इकट्ठा हुए और ग़ाज़ीपुर में उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। भीड़भाड़ से बचने और शांति बनाए रखने के लिए पुलिस द्वारा नियमित घोषणा के बावजूद, वहां एकत्र लोग तितर-बितर नहीं हुए और कब्रिस्तान की ओर चलते रहे।
अंसारी के अंतिम संस्कार के मद्देनजर, उनके घर से मोहम्मदबाद कब्रिस्तान तक जाने वाले मार्ग पर बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कब्रिस्तान के बाहर पुलिस तैनात की गई थी, क्योंकि लोग अंसारी को श्रद्धांजलि देने के लिए साइट पर एकत्र हुए थे। जिलाधिकारी गाज़ीपुर आर्यका अखौरी ने सुबह कहा, “तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। उनके घर से कब्रिस्तान तक जाने वाले 600 मीटर के रास्ते पर पुलिस तैनात कर दी गई है। लोगों की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है। अंतिम संस्कार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होगा।”
सुबह जब डीआईजी वाराणसी ओपी सिंह से जब अंसारी के अंतिम संस्कार की तैयारियों के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा, “हर कोने पर पर्याप्त बल तैनात किया गया है। हम उनके (मुख्तार अंसारी के) परिवार के सदस्यों के साथ भी समन्वय कर रहे हैं।” उनके अंतिम संस्कार में परिवार, करीबी रिश्तेदार और अन्य लोग शामिल हुए जिन्होंने अंतिम संस्कार में भाग लिया। इसके अतिरिक्त मिट्टी फेंकने वाले लोग भी उपस्थित लोगों की सूची में थे। मिट्टी फेंकना अपने प्रियजनों को सम्मान देने और अंतिम विदाई देने का एक तरीका माना जाता है। बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम किए जाने के बाद, 63 वर्षीय गैंगस्टर के शव को कड़ी सुरक्षा और भारी पुलिस तैनाती के बीच शुक्रवार रात गाजीपुर में उनके आवास पर ले जाया गया।
बात मुख्तार के फैमली बैकग्राउंड की.
सरकारी गोदी मीडिया और विरोधी मुख्तार अंसारी को मऊ समेत पूरे पूर्वांचल का बाहुबली बताती आई है. मुख्तार अंसारी पर एक नहीं, दो नहीं, कई मामले दर्ज थे. वे पिछले 19 सालों से जेल में बंद थे. लेकिन मुख्तार का पारिवारिक पृष्ठभूमि आपराधिक नहीं था. भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी मुख्तार के चाचा हैं. मुख्तार अंसारी के दादा डॉ मुख्तार अहमद अंसारी आजादी से पहले कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे थे. जामिया मिलिया इस्लामिया के संस्थापक सदस्यों में से भी रहे हैं. वहीं नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान अंसारी महावीर चक्र से सम्मानित थे.
मुख्तार का सियासी सफर
मुख्तार अंसारी का सियासी सफर 26 बरस का था. मुख्तार अंसारी ने बीएसपी के टिकट पर साल 1996 में पहली बार मऊ के सदर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था. इसके बाद 2002 और 2007 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीतकर लखनऊ पहुंच गए .
साल 2012 में कौमी एकता दल का गठन किया और चुनाव लड़कर जीत हासिल की. मुख्तार ने 2007, 2012 और 2017 का चुनाव जेल में बंद रहकर लड़ा और जीता.
मुख्तार अंसारी के खिलाफ गाजीपुर, वाराणसी, मऊ और आजमगढ़ के अलग-अलग थानों में कई मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से 8 मुकदमे ऐसे हैं, जो जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए थे. ज्यादातर मामले हत्या से संबंधित हैं. सबसे ज्यादा मुकदमे उसके गृह जनपद गाजीपुर में दर्ज हैं.
मऊ में दंगे के बाद मुख्तार अंसारी ने 25 अक्टूबर, 2005 को गाजीपुर कोर्ट में सरेंडर किया था. इसके बाद से जेल में बंद है.
- 1996 में BSP की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा और जीता
- 2002, 2007, 2012 और 2017 में मऊ से जीत हासिल की
- आखिरी तीन चुनाव अलग-अलग जेलों में रहते हुए लड़े
- 2010 में BSP सुप्रीमो ने मुख्तार अंसारी को पार्टी से निकाल दिया था
- BSP से निकाले जाने पर मुख्तार ने कौमी एकता दल के नाम से नई पार्टी बनाई
- 2017 में कौमी एकता दल का BSP में विलय हो गया. वाराणसी सीट से दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन दोनों बार हार का सामना किया.
- किस मामले में काट रहे थे सजा ?
- मुख्तार अंसारी को सबसे हाल में साल 2023 में 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. ये मामला 3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता और नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में अजय राय के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और कमलेश की मौत हो चुकी है.
- अजय राय ने मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, राकेश न्यायिक समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. बाद में इसकी जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी. 31 साल पुराने इस मामले में अभियोजन और गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद मुख्तार को उम्र कैद की सजा सुनाई थी.
- बता दें साल 2005 में कृष्णानंद हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को जेल जाना पड़ा था.
- अभी उच्च न्यायलय में अपील लंबित और कथित जहर से मृत्यु