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अब मैं ना उम्मीद हूं, जनता ही भगवान है’ : सचिन पायलट

सूर्योदय भारत समाचार सेवा : राजस्थान CM अशोक गहलोत और नेता सचिन पायलट के बीच की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है। उन्होंने गहलोत के आरोपों पर मंगलवार को खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘पहली बार देख रहा हूं कि कोई अपनी ही पार्टी के सांसदों और विधायकों की आलोचना कर रहे हैं। भाजपा नेताओं की तारीफ और कांग्रेस नेताओं का अपमान मेरी समझ से बाहर है। यह पूरी तरह गलत है।’

‘मुख्यमंत्री की बातों से लगता है कि उनकी नेता वसुंधरा राजे हैं, सोनिया गांधी नहीं। अपने नेताओं को खुश करने के लिए बहुत सारे लोग बहुत सारी बातें करते हैं, चुगली करते हैं। ऐसी बातें मुझसे भी की जाती हैं, लेकिन मैं मंच पर ये कहूं तो यह शोभा नहीं देता है।’

सचिन की 2 बड़ी बातें, कहा- अब मैं नाउम्मीद हूं

  • पायलट ने कहा, ‘हमने दिल्ली जाकर अपनी बात कही। वसुंधराजी के भ्रष्टाचार पर कई महीनों से चिट्ठियां लिखीं। अनशन पर बैठा। अब भी जांच नहीं हुई। समझ में आ रहा है क्यों एक्शन नहीं लिया। अब मैं नाउम्मीद हूं। जनता ही भगवान है।’
  • ‘जनता के सामने सभी को नतमस्तक होना रहेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ 11 मई को अजमेर से जयपुर तक यात्रा निकालेंगे। 125 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा होगी और इसमें 5 दिन का वक्त लगेगा।’

गहलोत ने कल अमित शाह का पैसा वापस लौटाने की सलाह दी थी
गहलोत ने रविवार को धौलपुर में पायलट कैंप के विधायकों पर सियासी संकट के वक्त 10 से 20 करोड़ रुपए लेने के आरोप लगाया था। गहलोत ने विधायकों को अमित शाह का पैसा वापस लौटाने की सलाह भी दी।

अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत इन सबने मिलकर हमारी सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया। राजस्थान में विधायकों को पैसे बांट दिए। यह लोग पैसा वापस नहीं ले रहे हैं। मुझे चिंता लगी हुई है, ये वापस पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं? यह पैसा वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं?

सचिन पायलट BJP राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं। शनिवार को बाड़मेर में मंत्री हेमाराम चौधरी के बेटे की याद में बनाए गए हॉस्टल के लोकार्पण के मौके पर हुई सभा में पायलट ने करप्शन का मामला फिर उठाया था।

पायलट ने कहा था कि BJP राज के करप्शन का मुद्दा उठाने से कई लोग नाराज हुए, लेकिन उसकी कोई परवाह नहीं है। करप्शन के खिलाफ आवाज उठाता रहूंगा। इसके अगले ही दिन धौलपुर के राजाखेड़ा में CM गहलोत ने पायलट खेमे पर अमित शाह से पैसा लेने का आरोप लगा दिया। अब इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

सचिन पायलट ने BJP राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन किया था। पायलट के अनशन से ठीक पहले प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने लिखित बयान जारी करके इसे पार्टी विरो​धी गतिविधि बताया। इसके बाद विवाद बढ़ा तो MP के पूर्व CM कमलनाथ ने सचिन पायलट से बात कर मध्यस्थता की। पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी बताने पर उठे विवाद को शांत करने के लिए इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया था। अब जुबानी जंग फिर तेज होने लगी है।

पांच दिन में जयपुर पहुंचेगी जनसंघर्ष यात्रा

उन्होंने कहा, जब-जब भी मैं वसुंधरा जी के करप्शन की बात करता हूं, पेपरलीक से लाखों बच्चों के भविष्य पर सवालिया निशान लगा, उसका कोई जवाब नहीं आया। इसलिए मैंने 11 मई से अजमेर से जनसंघर्ष यात्रा निकालने का फैसला किया है। यह यात्रा सरकार के खिलाफ नहीं, करप्शन के खिलाफ है। अजमेर के आरपीएससी से पेपरलीक हुए, इसलिए वहीं से यात्रा की शुरुआत होगी। पांच दिन में यात्रा अजमेर से जयपुर पहुंचेगी। करीब 125 किलोमीटर की यात्रा होगी। निर्णय तब लिए जाएंगे, जब जनता का हमारा साथ होगा। यह यात्रा किसी के विरोध में ना होकर करप्शन के विरोध में है,नौजवानों के पक्ष में है।

पायलट ने कहा, कई लोग चाहते हैं कि कांग्रेस कमजोर हो, फूट पड़े। विधायकों को बदनाम करने चरित्र हनन करने की कोशिश हो रही है। कई लोग बदनाम करना चाहते हैं, यह बदनामी हम होने नहीं देंगे। जनता के मुद्दों पर हमारा जो स्टैंड पहले था वह आगे रहेगा।

सचिन पायलट BJP राज के करप्शन पर कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा लगातार उठा रहे हैं। शनिवार को बाड़मेर में मंत्री हेमाराम चौधरी के बेटे की याद में बनाए गए हॉस्टल के लोकार्पण के मौके पर हुई सभा में पायलट ने करप्शन का मामला फिर उठाया था।

पायलट ने कहा था कि BJP राज के करप्शन का मुद्दा उठाने से कई लोग नाराज हुए, लेकिन उसकी कोई परवाह नहीं है। करप्शन के खिलाफ आवाज उठाता रहूंगा। इसके अगले ही दिन धौलपुर के राजाखेड़ा में CM गहलोत ने पायलट खेमे पर अमित शाह से पैसा लेने का आरोप लगा दिया। अब इस मुद्दे पर दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

मानेसर जाने के मामले में पायलट ने कहा, हम सब लोग अपनी बात को रखने के लिए दिल्ली गए थे। ऐसे लोगों पर आरोप लगाए जा रहे हैं जो पिछले 40 साल से सार्वजनिक जीवन में हैं, जिनका बेदाग जीवन रहा है, जिनका जीवन मिसाल रहा है। तीन दिन पहले में बाड़मेर में था। हेमाराम चौधरी 1980 से विधायक हैं, उनकी क्या छवि है, उनकी क्रेडिबिलटी क्या है, यह लोगों से पूछिए। हेमाराम चौधरी ने अपने दिवंगत बेटे की याद में 100 करोड़ की जमीन को हॉस्टल बनाने के लिए दान दिया है। इन लोगों पर इस तरह के आरोप लगा देना कि चंद पैसे में बिक गए, बहुत गलत है। मैं इन बेबुनियाद और झूठे आरोपों को सिरे से नकारता हूं।

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, मुझे बहुत कुछ कहा गया, कोरोना, गद्दार निकम्मा तक। ढाई साल से इन आरोपों सुन रहा था, लेकिन हम अपनी पार्टी और अपनी सरकार की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते थे। जिस प्रकार का भाषण दिया गया यह पहली बार नहीं हुआ। अपने विधायकों और अपने नेताओं को बेइज्जत,बदनाम करने का काम हो रहा है। बीजेपी के नेताओं का गुणगान हो रहा है, यह समझ से परे है। इस प्रकार का काम बहुत गलत है।

सचिन ने कहा, आपको पता है, सरकार बनने के बाद मैं उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष था। 2020 में मुझ पर राष्ट्रद्रोह के मुकदमे में कार्रवाई करने की कोशिश की गई। अनेक ऐसे प्रकरण हुए। मैं और मेरे साथी सरकार में नेतृत्व परिवर्तन करना चाहते थे और अपनी बात लेकर दिल्ली गए थे। हमने अपनी बातों को रखा। उसके बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने लगातार चर्चा की और अहमद पटेल के माध्यम से सबसे मुलाकात की। एआईसीसी ने कमेटी का गठन किया, जिसमें माकन और वेणु गोपाल जी सदस्य थे। उस कमेटी ने हम सबकी बातें सुनी। उस कमेटी के बाद हम सबने लगातार कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए काम किया, जी-जान से कोशिश की और मेहनत की। ढाई साल का जो कार्यकाल निकला, इस बात का प्रतीक है अनुशासन तोड़ने का काम कभी भी किसी ने नहीं किया।

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