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हमारे हाथों में है बाघों का भविष्य: विश्व बाघ दिवस पर लम्बी दूरी की दिवारात्रि पेट्रोलिंग

राहुल यादव, लखनऊ। देश में बाघ संरक्षण के अभियान में उत्तर प्रदेश राज्य महती भूमिका निभा रहा है । दुधवा , पीलीभीत एवं अमानगढ़ टाइगर रिजर्व भी हर वर्ष जागरूकता के कार्यक्रम करते रहे हैं । भारत वर्ष के राष्ट्रीय पशु बाघ को बचाने के लिये केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के सहयोग से व्याघ परियोजना चलायी जा रही है , जिसमें बाघ के अतिरिक्त अन्य परभक्षियों , भक्ष्य वन्य जीव एवं उनके प्राकृतवास का भी भरपूर संरक्षण हो रहा है ।  बाघ संरक्षण हेतु किये गए प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश में बाघों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है । जहाँ ” All India Tiger Estimation – 2014 ” में बाघों की कुल संख्या 117 पायी गयी थी , वहीं ” All India Tiger Estimation – 2018 ‘ में यह संख्या 173 पायी गयी है । इस प्रकार बाघों की संख्या में 04 वर्षों में 48 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी , जो देश स्तरीय औसत ( 33 प्रतिशत ) से कहीं ज्यादा है । इसका मुख्य कारण बेहतर सुरक्षा व्यवस्था , प्राकृत्वास सुधार , प्रत्येक स्तर पर बेहतर समन्वय एवं सहयोग रहा है । सेंट पीटर्सबर्ग में हुये उक्त सम्मेलन में ही बाघों की संख्या वर्ष 2022 तक द्विगुनित करने के लक्ष्य के सापेक्ष पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या निर्धारित समय सीमा से पूर्व ही दोगुनी हो जाने के फलस्वरूप पीलीभीत टाइगर रिजर्व को अन्तर्राष्ट्रीय Tx2 पुरस्कार से अलंकृत किया गया है । दुधवा टाइगर रिजर्व पेट्रोलिंग के लिये देश के समस्त टाइगर रिजों द्वारा उपयोग किये जा रहे परिष्कृत ” एम – स्ट्राईप्स ” ऐप के माध्यम से पेट्रोलिंग करने में देश में अग्रणी रहा है । अभी हाल ही में राष्ट्रीय व्याघ संरक्षण प्राधिकरण , भारत सरकार एवं भारतीय वन्य जीव संस्थान , देहरादून द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि कोविड -19 संक्रमण के कारण हुये देश व्यापी लाक डाउन के दौरान वर्ष 2020 के माह मार्च एवं अप्रैल में दुधवा टाइगर रिजर्व का पेट्रोलिंग में प्रदर्शन सम्पूर्ण देश में सर्वोत्तम रहा है । इन दोनों ही माहों में दुधवा टाइगर रिजर्व के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों द्वारा कमशः लगभग 78000 व 79000 कि 0 मी 0 पेट्रोलिंग की गयी , जबकि देश में दूसरे नम्बर पर सिमलीपाल टाइगर रिजर्व , उड़ीसा रहा , जहाँ कमश : 50000 एवं 59000 कि 0 मी 0 पेट्रोलिंग की गयी । बाघों से ही वनों का अस्तित्व है एवं वन जीवन के आधार है । यदि अगली पीढियों के भविष्य के बारे में सोचा जाये तो वनों का संरक्षण अतिआवश्यक है । इसी सोच के साथ इस वर्ष ” विश्व बाघ दिवस ” ( ग्लोबल टाइगर डे ) का विषयवस्तु ( Theme ) ” Their survival is in our hands ” रखा गया है । इसका अर्थ यह है कि बाधों एवं मानव जीवन में अन्योनाश्रित सम्बन्ध है । इस कारण बाघों का भविष्य हमारे हाथों में है । दुधवा टाइगर रिजर्व के तीनों ही प्रभागों में दिनांक 29.07 2021 को रात्रि 00:00 बजे से 23:59 मिनट तक लम्बी दूरी की दिवारात्रि पेट्रोलिंग का कार्यक्रम रखा गया है । इस वर्ष खास तौर पर साइकिल के माध्यम से पेट्रोलिंग पर बल दिया गया है । प्रत्येक रेंज की टीमें टोली बनाकर साइकिलों से निकलेंगी एवं निकटस्थ क्षेत्रों में वन एवं बाघ संरक्षण की महता के संबंध में जागरूकता का संदेश देते हुये दुधवा पर्यटन परिसर में इकट्ठा होंगी , जहाँ विचार गोष्ठी का कार्यक्रम रखा गया है । इसी प्रकार कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में भी कार्यक्रम रखा गया है । इन कार्यक्रमों में एस ० एस 0 बी 0 . एस टी 0 पी 0 एफ 0 . पुलिस के जवानों एवं स्थानीय गैर सरकारी संगठनों की प्रतिभागिता भी सुनिश्चित करायी जा रही है । सम्पूर्ण जागरूकता कार्यक्रम विश्व प्रकृति निधि – भारत के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कराये जा रहे हैं । इसी प्रकार के कार्यक्रम पीलीभीत एवं अमानगढ़ टाईगर रिजर्व में भी आयोजित किये जा रहे हैं ।

गौरतलब है कि बाघों एवं उनके प्राकृतवास के संरक्षण हेतु जनमानस में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2010 में आयोजित हुये सेन्ट पीटर्सबर्ग बाघ सम्मेलन (जिसमें 13 व्याघ्र राष्ट्रों द्वारा प्रतिभाग किया गया था) में वैश्विक बाघ दिवस ( ग्लोबल टाइगर डे ) प्रत्येक वर्ष दिनांक 29 जुलाई को मनाने का निर्णय लिया गया । भारत वर्ष में भी इस दिवस पर निरन्तर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यमों से जनमानस में जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है ।

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