सूर्योदय भारत समाचार सेवा : बुधवार 15 मई को मंत्रिमण्डलीय नियुक्ति समिति (एसीसी) द्वारा अनुमोदन के बाद हर्ष बवेजा ने आरईसी लिमिटेड के निदेशक ( वित्त ) का कार्य-भार ग्रहण कर लिया है।
हर्ष बवेजा की नियुक्ति लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) की अनुशंसा और 11 उम्मीदवारों की गहन चयन प्रक्रिया के बाद की गई, जो यह दर्शाता है कि वे इस पद के लिए सर्वथा योग्य उम्मीदवार हैं।
एक अनुभवी चार्टर्ड अकाउंटेंट होने के साथ-साथ बवेजा को कई संस्थानों में वित्तीय एवं व्यावसायिक कार्यों के प्रबंधन में 33 वर्षों से अधिक समय का अनुभव है। चार्टर्ड अकाउंटेंट की पृष्ठभूमि एवं वित्तीय क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक समय की विशेषज्ञता के साथ उनकी नियुक्ति जटिल वित्तीय विषयों को सुलझाने में उनके बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड को दर्शाती है।
आरईसी में कार्यपालक निदेशक (वित्त) के रूप में अपने कार्यकाल में उन्होंने राज्य एवं निजी दोनों क्षेत्रों के वित्तपोषण की गहन समझ को दर्शाते हुए विभिन्न वित्तीय चुनौतियों के विषय में संगठन को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग दिया है। उनके विशिष्ट कार्यकाल में सम्पूर्ण भारत में महत्त्वपूर्ण स्थानों पर व्यवसाय से संबद्ध आरईसी के प्रमुख व्यावसायिक कार्यालयों का प्रबंधन करना भी शामिल रहा है।
बवेजा की गहन समझ ने ऊर्जा क्षेत्र के जटिल वित्तीय परिदृश्य में आरईसी को संवृद्धि के पथ पर आगे बढ़ाने और पिछले कुछ वर्षों में आरईसी के वित्तीय प्रदर्शन को नई ऊँचाई प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विशेष रूप से, उनके व्यवसाय से संबंधित विशेष प्रयासों ने स्ट्रेस्ड एसेट्स के कारण सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक आरईसी को नेट जीरो एनपीए की स्थिति प्राप्त करने के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र पर भी ध्यान केन्द्रित करते हुए फाइनेंसिंग पोर्टफोलियो के विविधीकरण में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है।
अपने नए दायित्व के बारे में बात करते हुए बवेजा ने कहा, “मेरा ध्यान कम लागत वाली उधारी सुनिश्चित करने, सभी हितधारकों की बेहतर संवृद्धि को प्रोत्साहित करने और वित्तीय वर्ष के अंत तक जीरो एनपीए के साथ आरईसी को नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के वित्तपोषण में सबसे अग्रणी कंपनी के रूप में स्थापित करने पर केन्द्रित रहेगा।”
निदेशक (वित्त) के रूप में बवेजा आरईसी की वित्तीय रणनीति से संबंधित कार्यों का प्रबंधन करेंगे, जिससे कंपनी की वित्तीय उत्कृष्टता निरंतर सुनिश्चित होगी और सतत विकास की दिशा में किए जा रहे कार्यों को सुगम बनाया जाएगा। ऊर्जा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी के रूप में आरईसी की स्थिति को और बेहतर बनाने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रहेगी।