Breaking News

शिव जी का निराकार स्वरूप माना जाता है शिवलिंग, जानिए इसका महत्व और महिमा

मान्यता है कि धरती पर साक्षात रूप में अगर कोई भगवन मौजूद हैं तो वो भगवान शिव हैं. भोलनाथ को भोले यूं ही नहीं कहा जाता है. शिव जी अपने भक्तों को उनकी मनोकामना के अनुरूप हर वरदान देते हैं और भोलेनाथ ही एक ऐसे भगवान हैं, जो शिवलिंग के रूप में इस धरती पर विद्यमान हैं. आइए जानते हैं क्या है शिवलिंग का महत्व और इसकी महिमा…
शिवलिंग की महिमा-
– शिवलिंग को शिव जी का निराकार स्वरूप माना जाता है.
– शिव पूजा में इसकी सर्वाधिक मान्यता है.
– शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों ही समाहित होते हैं.
– शिवलिंग की उपासना करने से दोनों की ही उपासना सम्पूर्ण हो जाती हैं.
– पूजने के लिए अलग-अलग प्रकार के शिवलिंग प्रचलित हैं.
– इनमें स्वयंभू शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, जनेऊधारी शिवलिंग, सोने-चांदी के शिवलिंग और पारद शिवलिंग आदि हैं.
– स्वयंभू शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और फलदायी मानी जाती है.शिवलिंग की स्थापना के नियम-
– शिवलिंग की पूजा शिव पूजा में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.
– शिवलिंग घर में अलग और मंदिर में अलग तरीके से स्थापित होता है.
– शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए.
– घर में स्थापित शिवलिंग बहुत ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए.
– घर में स्थापित शिवलिंग अधिक से अधिक 6 इंच का होना चाहिए.
– मंदिर में कितना भी बड़ा शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं.
– विशेष मनोकामनाओं के लिए पार्थिव शिवलिंग स्थापित कर पूजन किया जाता है.
भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की उपासना ही सबसे अद्भुत है. लेकिन शिवलिंग की महिमा और उस पर भगवान शिव की प्रिय वस्तुएं अर्पित करने के नियम के अलावा, एक विशेष मंत्र भी होता है. शिवलिंग पर कुछ भी अर्पित करते समय इस विशेष मंत्र का जाप करना शुभ फलदायक माना जाता है.
ये है विशेष मंत्र-
शिवलिंग पर कोई भी द्रव्य अर्पित करते समय इस खास मंत्र का जाप करें-
‘ऊं नमः शंभवाय च,मयोभवाय च, नमः शंकराय च, मयस्कराय च, नमः शिवाय च, शिवतराय च’

Loading...

Check Also

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न ‘श्रीमद रामायण’ ‘श्री राम रथ’ लेकर कानपुर पहुंचा !

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, कानपुर : मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम के धार्मिक और साहसी ...