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मौसम विभाग ने 6 जिलों में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की, लोगों को खतरनाक पहाड़ी रास्तों से बचने की सलाह दी गई

देहरादून : उत्तराखंड में मौसम विभाग ने प्रदेश के छह जिलों में अगले 24 घंटे भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस दौरान कुछ जगहों पर अत्यधिक भारी बारिश होने की वजह से नुकसान भी हो सकता है। बता दें, शनिवार की रात से ही देहरादून सहित प्रदेशभर में बारिश हो रही है। रातभर बारिश के बाद रविवार को भी सुबह से शाम तक बारिश होती रही। इसकी वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग ने सोमवार सुबह से अगले 24 घंटे तक देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल और पौड़ी जिले में भारी से भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अत्यधिक भारी बारिश को देखते हुए सभी महकमों को अलर्ट किया गया है। बारिश के दौरान लोगों को खतरनाक पहाड़ी रास्तों से बचने की सलाह दी गई है। यमुना और इसकी सहायक नदी टौंस का लगातार जलस्तर बढ़ रहा है।

इसके कारण डाकपत्थर डाम से लगातार सभी गेट से पानी छोड़ा जा रहा है। बावजूद, इसके जलस्तर में कोई कमी नहीं आई है। बताया जा रहा है कि यदि इसी तरह यहां जलस्तर बढ़ता रहा तो दिल्ली और हरियाणा के कुछ इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। रविवार को मोरी और आराकोट में बादल फटने के कारण इन नदियों के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि हुई है। दो दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते शहर और आसपास की नदियों में जलस्तर बढ़ गया है। रिस्पना, बिंदाल और टौंस जैसी नदियों के किनारे रह रहे लोगों से प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की है। इसके अलावा सभी नदियों के किनारे राहत और बचाव दल तैनात कर दिया गया है। इधर, यमुना भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके चलते डाकपत्थर बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। शनिवार सुबह से शुरू हुई बारिश का सिलसिला रविवार शाम तक जारी रहा। लगातार हो रही बारिश से शहर में जनजीवन अस्तव्यस्त रहा तो नदियों के किनारे बसे लोगों की सांसे अटकी रहीं।

पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण बिंदाल और रिस्पना का जलस्तर भी बहुत ज्यादा बढ़ गया। लिहाजा, इन नदियों के किनारे रह रहे लोगों से प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की है। इसके साथ ही प्रशासन की टीमें वहां लोगों से संपर्क कर उन्हें राहत शिविरों में ले जाने का काम भी कर रही है। कुछ परिवारों को रैन बसेरे और आसपास के विद्यालयों में बने राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि बिंदाल, रिस्पना, बांदल, दुल्हनी, टौंस, सौंग आदि नदियों के आसपास दो-दो राहत व बचाव टीमें तैनात की गई हैं। ताकि, किसी भी स्थिति पर तत्काल काबू पाया जा सके। उन्होंने बताया कि राहत शिविरों में राशन और खाना बनाने की व्यवस्था को भी पुख्ता कर दिया गया है। शनिवार रात से हो रही बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आने का क्रम भी जारी है। नेशनल हाईवे 72-बी भी कई जगह पहाड़ों से मलबा आने से बंद हो गया। यहां पर जेसीबी और पीडब्ल्यूडी की टीमों में दिनभर मलबा हटाने का काम किया और करीब 11 बजे बंद हुआ हाईवे दोपहर तीन बजे सुचारु हो सका। इसके साथ ही चकराता के पंडरानू गांव के पास भी हाईवे पर मलबा आने से यह देर शाम तक बंद रहा। इधर, जिले की 28 ग्रामीण सड़कें भी बंद हो गईं, जिससे इन गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया।

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