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मकर संक्रांति को खिचड़ी के रूप में मनाये जाने का ये है धार्मिक महत्व

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने के अपना एक अगल महत्व है। इसलिए कहीं-कहीं मकर संक्रांति को ‘खिचड़ी’ के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति का यह पर्व प्रत्यक्ष रूप से भगवान सूर्य से जुड़ा है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इस दिन सूर्य धनु राशि से पारिवर्तन कर मकर राशि में आते हैं। यही कारण है कि मकर संक्रांति को सूर्य संक्रांति भी कहा जाता है।
खिचड़ी: अलग-अलग रूपों में
मकर संक्राति को कई जगहों पर खिचड़ी के नाम से जाना जाता है और खिचड़ी के रूप में मनाया जाता है। मकर संक्रांति के पर्व को भारत के अन्य हिस्सों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। केरल, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में इसे संक्रांति कहा जाता है। तमिलनाडु में इस पर्व को पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा में इस पर्व लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है। साथ ही असम में इस पर्व को बिहू के रूप में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने की प्रथा बहुत पहले से चली आ रही है। आज भी मकर संक्रांति के दिन इन राज्यों में खिचड़ी पकाने और खाने की अनूठी परंपरा है।
मकर संक्रांति 2019: खिचड़ी का महत्व
मकर संक्रांति को खिचड़ी के रूप में मनाये जाने के पीछे बहुत ही पौराणिक और शास्त्रीय मान्यताएं हैं। मकर संक्रांति के इस पर्व पर खिचड़ी का काफी महत्व है। मकर संक्रांति के अवसर पर कई स्थानों पर खिचड़ी को मुख्य पकवान के तौर पर बनाया जाता है। खिचड़ी को आयुर्वेद में सुंदर और सुपाच्य भोजन की संज्ञा दी गई है। साथ ही खिचड़ी को स्वास्थ्य के लिए औषधि माना गया है। प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार जब जल नेती की क्रिया की जाती है तो उसके पश्चात् केवल खिचड़ी खाने की सलाह दी जाती है।
मकर संक्रांति 2019: खिचड़ी की शास्त्रीय मान्यता
शास्त्रीय मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने का बहुत ही महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति पर चावल, दाल, हल्दी, नमक और सब्जियों को मिलाकर खिचड़ी बनाई जाती है। इसके अलावे मकर संक्रांति पर खिचड़ी के सहायक व्यंजन के रूप में दही, पापड़, घी और अचार का मिश्रण भी किया जाता है।
मकर संक्रांति 2019: आयुर्वेद में खिचड़ी का महत्व
आयुर्वेद में चावल को चंद्रमा के रूप में माना जाता है। शास्त्रों में चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना गया है। काली उड़द की दाल को शनि का प्रतीक माना गया है। हल्दी बृहस्पति का प्रतीक है। नमक को शुक्र का प्रतीक माना गया है। हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं। खिचड़ी की गर्मी व्यक्ति को मंगल और सूर्य से जोड़ती है। इस प्रकार खिचड़ी खाने से सभी प्रमुख ग्रह मजबूत हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन नए अन्न की खिचड़ी खाने से शरीर पूरा साल आरोग्य रहता है।

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