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मंगल ने बदली अपनी चाल, जानें 12 राशियों पर कैसा डालेगा प्रभाव

अदम्य साहसी और पराक्रमी पृथ्वी पुत्र मंगल मिथुन राशि की यात्रा समाप्त कर अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश कर रहे हैं। मेदिनी ज्योतिष के अनुसार जल तत्व की राशि कर्क में मंगल अथवा सूर्य प्रवेश करते हैं, तो परिणाम स्वरूप अग्नि और जल के मिलन से वाष्पीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। जिसके फलस्वरूप वर्षा की संभावना बढ़ जाएगी और अच्छी बारिश के योग बनेंगे। जनमानस के लिए सुखद समाचार यह है कि मिथुन राशि में बना चतुष्ग्रही योग इसी के साथ भंग हो गया। मंगल का नीचस्थ होना, सभी 12 राशियों पर कैसा डालेगा प्रभाव, इसका ज्योतिषीय विश्लेषण जानने के लिए आगे
मेष
इस राशि के स्वामी मंगल का नीचस्थ होकर चतुर्थ भाव में जाने से मानसिक तनाव तो बढ़ेगा लेकिन मकान, वाहन आदि के क्रय-विक्रय का योग भी बनाएगा। इस अवधि के मध्य सामान चोरी होने की आशंका रहेगी। ऐसे अपनी चीजों का ख्याल रखें और जेबकतरों से सावधान रहें।
वृष
इस राशि के लिए मंगल का गोचर तृतीय पराक्रम भाव में रहेगा। जिसके कारण भाईयों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव तो पड़ेगा, किंतु कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा। भाग्योन्नति होगी और विदेश यात्रा के अवसर मिलेंगे। जीवन में प्रगति के लिए इन अवसरों का पूरा लाभ उठाएं।मिथुन
इस राशि के लिए मंगल का गोचर द्वितीय कुटुंब भाव में हो रहा है। अत: कहीं न कहीं पारिवारिक कलह और मानसिक संताप से जूझना होगा। चूंकि इस राशि के स्वामी बुध भी कर्क में हैं, इसलिए मन-मस्तिष्क को शीतल रखेंगे, जिसके फलस्वरूप परिस्थितियां आपके पक्ष में हो जाएंगी।
कर्क
कर्क राशि के जातकों के लिए मंगल का नीचस्थ होना कोई अशुभ प्रभाव नहीं दिखाएगा, क्योंकि मंगल कर्क राशि के लिए राजयोग कारक होता है। अत: यह परिवर्तन कर्क राशि के लिए बेहतरीन रहेगा। इस अवधि के मध्य इस राशि के जातक किसी भी तरह की चल-अचल संपत्ति का क्रय-विक्रय कर सकते हैं।
सिंह
इस राशि के जातकों के लिए यह परिवर्तन नुकसान तो नहीं देगा, किंतु खर्च अधिक करवाएगा। जिसके परिणाम स्वरूप आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। विदेश यात्रा अथवा विदेशी मुल्कों से सुखद समाचार प्राप्त होगा। फिर भी सलाह यह है कि कोर्ट-कचहरी के मामलों से बचें। वाहन आदि सावधानीपूर्वक चलाएं।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल का लाभस्थ स्थान पर जाना स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव और बड़े भाई से रिश्तों में खटास ला सकता है। किंतु यही मंगल परेशानियों से छुटकारा भी दिलाएंगे। अत: आपको अधिक परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।
तुला
इस राशि के जातकों के लिए नीच राशि का मंगल दशम् भावगत है, अत: स्त्री वर्ग के लिए अशुभ है, क्योंकि यह उनके लिए कर्ज योग बनाएगा और नए कार्य के अनुबंध और स्थान परिवर्तन संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
वृश्चिक
इस राशि के स्वामी मंगल नीच राशिगत हैं, किंतु मूल त्रिकोण में हैं, जिसके फलस्वरूप वृश्चिक राशि वालों को कोई नुकसान तो नहीं होगा, किंतु बहुत मेहनत करने के बाद ही कामयाबी मिलेगी। सुखद समाचार यह है कि यात्रा, देशाटन और तीर्थ सेवन का पूरा लाभ मिलेगा।
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए नीच राशिगत अष्टम मृत्यु भाव में है। सेहत पर विपरीत प्रभाव डालेगा। कार्यक्षेत्र के लिए थोड़ा सा नुकसानदेह हो सकता है, इसलिए बेहतर है कि ऑफ द रिकार्ड बोलने से बचें। ऑफिस में अपने काम से काम रखें।
मकर
इस राशि के जातकों के लिए मंगल की उच्च दृष्टि पड़ रही है। अत: इस राशि के लोगों के प्रभाव में वृद्धि होगी। नौकरी में पदोन्नति होगी, किंतु रोमांस और दांपत्य जीवन के लिए यह परिवर्तन ठीक नहीं रहेगा।
कुंभ
कुंभ राशि के लिए यह गोचर शत्रु भाव में बन रहा है, जिसके फलस्वरूप उन्हें ऋण, रोग एवं शत्रुओं के दुष्प्रभाव से बचना होगा। ननिहाल पक्ष से रिश्ते खराब हो सकते हैं। मंगल की दृष्टि कर्म भाव पर पड़ने के कारण कार्यक्षेत्र में विस्तार होगा और रोजगार के नए अवसर बनेंगे।
मीन
मीन राशि के जातकों के लिए मंगल का प्रभाव संतान संबंधी चिंताएं बढ़ा सकता है, किंतु बृहस्पति की उच्च दृष्टि परेशानियों से मुक्ति दिलाने और संघर्षों से लड़ने में मददगार साबित होगी। यही दृष्टि शिक्षा प्रतियोगिता में आकस्मिक सफलता भी दिलाएगी।

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