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भारतीय टीम में खिलाड़ियों के चयन को लेकर उथल-पुथल, पंत की जगह कार्तिक को शामिल करने पर दिग्गज क्रिकेटरों ने जताई नाराजगी

इंग्लैंड एंड वेल्स में 30 मई से शुरू हो रहे वनडे विश्व कप के लिए सोमवार को 15 सदस्यीय भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है. लेकिन टीम में खिलाड़ियों के चयन को लेकर क्रिकेट जगह में उथल-पुथल मची हुई है. ऋषभ पंत की जगह दिनेश कार्तिक को वर्ल्ड कप की टीम इंडिया में शामिल करने पर दिग्गज क्रिकेटरों ने नाराजगी जताई है. पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर और पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर के बाद पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी ने भी पंत को टीम में शामिल करने की पैरवी की है. घावरी का मानना है कि आईसीसी विश्व कप के लिए भारत की ‘अच्छी और संतुलित’ टीम चुनी गई है लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि ऋषभ पंत को इस टीम में जगह बनानी चाहिए थी. घावरी ने कहा कि दिनेश कार्तिक की बेहतर विकेटकीपिंग क्षमता के कारण संभवत: पंत ने टीम में दूसरे विकेटकीपर का स्थान गंवा दिया.

घावरी ने मंगलवार को कहा, ‘मेरे मुताबिक यह काफी अच्छी और संतुलित टीम है लेकिन मुझे लगता है कि ऋषभ पंत को इसमें जगह बनानी चाहिए थी.’ उन्होंने कहा, ‘चयनकर्ताओं और काफी लोगों ने सोचा कि विकेटकीपिंग क्षमता में उसके पास दिनेश कार्तिक का जवाब नहीं है. विकेटकीपिंग भी महत्वपूर्ण है.’ घावरी ने कहा, ‘उसका टीम में होना फायदे की स्थिति होती क्योंकि मेरे अनुसार वह कहीं बेहतर बल्लेबाज है.’ विश्व कप 1979 में भारतीय टीम का हिस्सा रहे घावरी ने कहा, ‘वह मैच विजेता है और अपने दम पर मैच जिता सकता है. लेकिन चयनकर्ताओं और कप्तान ने जो भी सोचा हो, मुझे लगता है कि उन्होंने सर्वश्रेष्ठ टीम चुनी है.’ घावरी का मानना है कि अंबति रायडू को विजय शंकर की जगह टीम में शामिल किया जाना चाहिए था लेकिन उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के खिलाड़ी की आलराउंड क्षमता ने उसका पलड़ा भारी किया.  

उन्होंने कहा, ‘शंकर के साथ फायदे की स्थिति यह है कि वह ऐसा बल्लेबाज है जो गेंदबाजी भी कर सकता है. इस टीम में 1983 की टीम की तरह चार-पांच आलराउंडर हैं जो बल्ले और गेंद से प्रदर्शन के अलावा क्षेत्ररक्षण में भी योगदान दे सकते हैं.’ चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष चंदू बोर्डे ने कहा कि अब टीम में 3-4 विकेटकीपर हैं. उन्होंने कहा, ‘टीम में अब तीन या चार विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. एक महेंद्र सिंह धोनी, दूसरा कार्तिक, (लोकेश) राहुल भी विकेटकीपिंग कर सकता है और (केदार) जाधव भी. विकेटकीपर बल्लेबाजों के मामले में यह काफी अच्छी स्थिति है.’ बोर्डे ने पंत को निराश नहीं होने की सलाह देते हुए कहा कि उनका भविष्य उज्जवल है. पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने सोमवार को कहा कि वह युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत के भारत की विश्व कप टीम से बाहर होने से हैरान हैं क्योंकि वह काफी ‘बेहतरीन’ बल्लेबाजी फार्म में हैं और उसके विकेटकीपिंग कौशल में सुधार हो रहा है.

गावस्कर ने कहा, ‘पंत की फार्म को देखते हुए यह थोड़ा हैरानी भरा है. वह सिर्फ आईपीएल में ही नहीं बल्कि इससे पहले भी काफी बेहतरीन बल्लेबाजी कर रहा था. वह विकेटकीपिंग में भी काफी सुधार दिखा रहा था. वह शीर्ष छह में बाएं हाथ का बल्लेबाजी विकल्प मुहैया कराता जो गेंदबाजों के खिलाफ काफी अच्छा होता. ‘ उन्होंने कहा, ‘गेंदबाजों को बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिये अपनी लाइन एवं लेंथ में बदलाव करना पड़ता और कप्तान को मैदान में काफी इंतजाम करने होते.’ पंत ने इस मौजूदा आईपीएल में अभी तक 245 रन जबकि कार्तिक ने 111 रन बनाए हैं. गावस्कर ने हालांकि पंत की बल्लेबाजी फार्म की अनदेखी के फायदे भी बताते हुए कहा, ‘किसी दिन सुबह को अगर महेंद्र सिंह धोनी को फ्लू होता है और वह नहीं खेल पाता तो आप ऐसा खिलाड़ी चाहोगे जो बेहतर विकेटकीपर हो. मुझे लगता है कि कार्तिक को किसी और चीज से ज्यादा विकेटकीपिंग कौशल से ही टीम में जगह मिली.’ पूर्व सलामी बल्लेबाज संजय मांजरेकर भी गावस्कर की राय से इत्तेफाक रखते हैं कि कार्तिक का टीम में चुने जाने की उम्मीद कम थी. उन्होंने कहा, ‘टीम चयन से हर किसी को खुश रखना असंभव है लेकिन कार्तिक का टीम में चयन हैरानी भरा है.

इस मामले में चयनकर्ता निरंतरता नहीं दिखाने के दोषी हैं. जनवरी 2019 में टीम से बाहर किये जाने के बाद सीधे विश्व कप टीम के लिये चुना जाना.’ इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा कि पंत को बाहर करने का फैसला अजीब सा है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘विश्व कप टीम में ऋषभ पंत नहीं….भारतीय चयनकर्ताओं का यह फैसला अजीबोगरीब है.’ गौतम गंभीर को लगता है कि महज 3 असफलताओं के बाद अंबती रायडू को भारत की विश्व कप टीम से बाहर किया जाना दुखद है लेकिन ऋषभ पंत को जगह नहीं मिलने पर कोई बहस नहीं होनी चाहिए क्योंकि उसने मिले मौकों का फायदा नहीं उठाया. साल 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य गंभीर ने कहा, ‘मुझे नहीं पता. यह अंतत: एमएसके (प्रसाद) की बात है, यह उन लोगों की नहीं है जिनके पास अनुभव है. यह आपके ऊपर है कि आपको क्या सही लगता है और यह अनुभव के साथ नहीं आता है बल्कि यह विश्वास के साथ आता है.’ उन्होंने कहा, ‘यदि आपका विश्वास मजबूत है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने 100 टेस्ट मैच खेले हैं या एक भी टेस्ट नहीं खेला है. यह आपका विश्वास और आत्मविश्वास है, जो किसी भी चीज से ज्यादा मायने रखता है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या ऋषभ पंत की जगह दिनेश कार्तिक को चुना जाना अनुचित है, गंभीर ने कहा कि वह अंबाती रायडू के लिए भी इतने ही निराश हैं. पंत के पक्ष में तो अभी उम्र है लेकिन रायडू के लिए तो वह भी नहीं है.

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