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तीनों कृषि कानून असंवैधानिक, आग से खेल रही सरकार: पी. साईनाथ

अशाेक यादव, लखनऊ। कृषि विशेषज्ञ व मैग्सेसे पुरस्कार विजेता पी. साईनाथ ने कहा कि भारतीय संविधान के तहत कृषि राज्य का विषय है और केंद्र द्वारा तीन कृषि कानून बनाना नाजायज व असंवैधानिक है। इससे मौजूदा कृषि संकट और गहरा होगा। इन कानूनों को रद्द किया जाना चाहिए।

सरकार आग से खेल रही है। ग्रामीण मामलों के जानकार साईनाथ ने कहा कि कृषि उत्पाद बाजार समिति, कृषि के लिए लगभग वही है जो सरकारी स्कूल शिक्षा के क्षेत्र के लिए है या फिर जो सरकारी अस्पताल स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए है। कृषि कानूनों में नीतिगत सुधार निश्चित तौर पर किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए, न कि निजी कंपनियों के हित में। 


बिहार के पटना स्थित स्थानीय होटल में ‘श्री साईनाथ शनिवार को कृषि बाजार कानूनों को लेकर किसानों के अप्रत्याशित जुटान पर चर्चा’ कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस संवाद का आयोजन नेशन फॉर फॉर्मर, बिहार महिला समाज और तत्पर फाउंडेशन द्वारा किया गया था।

उन्होंने कहा कि इन कानूनों के जरिये सरकार एपीएमसी मंडियां और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म करना चाह रही है। इसके बाद किसानों को ट्रेडर्स और बड़े कॉरपोरेट के रहम पर जीना पड़ेगा। ये कानून किसानों को कोई कानूनी सुरक्षा नहीं प्रदान करते हैं।

किसान संगठन अपनी इस मांग को लेकर प्रतिबद्ध हैं कि सरकार को हर हाल में इन कानूनों को वापस लेना होगा। इस संबंध में सरकार और किसानों के बीच बातचीत के कई दौर चले, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है। 

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