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टीकाकरण का पता लगाने के लिए अब नया एपीआई

नई दिल्ली। को-विन ने एक नया एपीआई ‘नो यॉर कस्टमर/क्लाइंट वैक्सीनेशन स्टेटस’ (केवाईसी-वीएस) बनाया है जिससे कोई निकाय पता लगा सकता है कि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस रोधी टीका लगवा चुका है या नहीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

देश में इस साल 16 जनवरी से शुरू हुए कोविड-19 टीकाकरण अभियान में अब तक 72 करोड़ से अधिक खुराक लगाई जा चुकी हैं। टीका लगवाने वाले लोग को-विन से डिजिटल तरीके से प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह मॉल, कार्यालय परिसरों, सार्वजनिक आयोजनों आदि में प्रवेश के लिए इस तरह के प्रमाणपत्रों को डिजिटल या प्रत्यक्ष स्वरूप में दिखाया जा सकता है।

मंत्रालय ने कहा कि कुछ मामले ऐसे हो सकते हैं जहां किसी संस्था या निकाय को सभी के प्रमाणपत्र देखने की जरूरत नहीं है और केवल यह पता लगाना होता है कि किसी व्यक्ति ने टीका लगवाया है या नहीं। उसने कहा कि कोई उद्यम या नियोक्ता अपने कार्यालयों, कार्यस्थलों में कामकाज बहाल करने के लिए अपने कर्मचारियों के टीकाकरण का स्तर पता लगा सकते हैं।

मंत्रालय ने कहा कि रेलव अपने उन यात्रियों के टीकाकरण के बारे में जानना चाह सकता है जो सीट आरक्षित करा रहे हैं। एयरलाइन भी ऐसा कर सकती हैं। होटल अपने यहां ठहरने वाले लोगों के बारे में पता कर सकते हैं कि उन्होंने टीका लगवाया है या नहीं।

उसने कहा, ”सामाजिक-आर्थिक गतिविधियां सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए धीरे-धीरे बहाल हो रही हैं, ऐसे में उन निकायों को टीकाकरण की स्थिति के बारे में डिजिटल सूचना देने की जरूरत पड़ सकती है जिनके साथ लोग जुड़े हों। इनमें कर्मचारी, यात्री आदि शामिल हैं।” मंत्रालय के अनुसार, ”इसलिए टीकाकरण की स्थिति के लिए को-विन के माध्यम से आधार सरीखी सत्यापन सेवा जरूरी है। इस लिहाज से को-विन ने एपीआई ‘नो यॉर कस्टमर/क्लाइंट वैक्सीनेशन स्टेटस’ या ‘केवाईसी-वीएस’ शुरू किया है।”

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