Breaking News

जानिए क्या है सोमवती अमावस्या की महिमा, 149 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, सुख संपन्नता के लिए करें ये उपाय

इस बार शनि जयंती के साथ ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की सोमवती अमावस्या 3 जून को पड़ रही है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. खास बात यह है कि आज ही के दिन वट सावित्री का भी विशेष संयोग जुड़ रहा है. ये सर्वार्थसिद्धि योग आज 149 वर्ष बाद बनने जा रहा है. इससे पहले यह संयोग 30 मई 1870 को बना था. इस दिन विवाहित स्त्रियां गंगा स्नान के बाद पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा करती हैं.

इसके बाद वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करती हैं. धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधान पूर्वक तुलसी के पेड़ को चढ़ाया जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व समझा जाता है. कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा. मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है.

सोमवती अमावस्या की महिमा क्या है-
सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है वह सोमवती अमावस्या कहलाती है. इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते हैं. सोमवती अमावस्या सोमवार के दिन पड़ने से व्यक्ति भगवान शिव की पूजा अर्चना करके कुंडली में कमजोर चंद्रमा को बलवान कर सकता है. विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए सोमवती अमावस्या का व्रत रखती हैं. सोमवती अमावस्या पर पीपल की पूजा अर्चना करके पितरों को प्रसन्न करने का भी विधान दिंदू धर्म में बताया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में अन्न धन की कोई कमी नहीं रहती है.

सुख समृद्धि पाने के लिए सोमवती अमावस्या पर कैसे करें पीपल की पूजा-
– सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य उदय होने से पहले उठें.
– अपने स्नान के जल में एक चम्मच गंगाजल मिलाकर स्नान करें और हल्के रंग के स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
– एक स्टील के लोटे में कच्चा दूध जल पुष्प अक्षत और गंगाजल मिलाकर पीपल के वृक्ष की जड़ में दाएं हाथ से दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके अर्पण करें.
– सुहागन स्त्री अपने पति की लंबी आयु के लिए पीपल के वृक्ष की सात परिक्रमा करें.
– ऐसा करते समय व्यक्ति को अपने मन की इच्छा बोलते हुए सफेद मिष्ठान्न पीपल के वृक्ष की जड़ में अर्पण करना चाहिए.

सोमवती अमावस्या पर करें महाउपाय-
– सोमवती अमावस्या पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से मन की सारी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं.
– कुंडली में कमजोर चंद्रमा को बलवान करने के लिए कच्चे दूध से भगवान शिवलिंग का अभिषेक करें और ॐ चंद्रमसे नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.
-सोमवती अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए पिंडदान अवश्य करें.
-सोमवती अमावस्या पर अपने स्नान के जल में थोड़ी सी दूर्वा और काला तिल डालकर स्नान करने से नव ग्रहों की शांति होती है.

Loading...

Check Also

सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न ‘श्रीमद रामायण’ ‘श्री राम रथ’ लेकर कानपुर पहुंचा !

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, कानपुर : मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम के धार्मिक और साहसी ...