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जानिए कामिका एकादशी की महिमा और क्या है महाउपाय?

सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी का व्रत पूजन किया जाता है. कामिका एकादशी का व्रत 28 जुलाई 2019 को किया जाएगा. कामिका एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा पीले फल फूल आदि से की जाती है. सभी एकादशी व्रतों में से कामिका एकादशी को भगवान विष्णु का उत्तम व्रत माना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव के पावन महीने श्रावण में आता है. कामिका एकादशी का व्रत विधान करके सभी लोग अपने कष्टों से मुक्त हो सकते हैं तथा मन की इच्छा को पूरा कर सकते हैं.
कामिका एकादशी पर क्या सावधानियां बरतें?-
– कामिका एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठे स्नान करके साफ कपड़े पहने
– घर में प्याज लहसुन और तामसिक भोजन का बिल्कुल भी प्रयोग ना करें
– सुबह और शाम एकादशी की पूजा पाठ में साफ-सुथरे कपड़े पहन कर ही व्रत कथा सुने
– एकादशी की पूजा में हर तरीके से परिवार में शांति पूर्वक माहौल बनाए रखें
– कामिका एकादशी पर एक आसन पर बैठकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बाहर जाप जरूर करेंभगवान विष्णु की पूजा से बरकत-
-कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा उससे एक दिन पहले दशमी तिथि की रात्रि से ही व्रत नियम को लेकर शुरू हो जाती है
– दशमी तिथि के दिन सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण न करें केवल फल खायें
– दशमी तिथी की रात में हो सके तो भगवान विष्णु के किसी भी मंत्र का जाप अवश्य करें
जैसे ॐ नमो नारायणाय…..
– सुबह सूर्योदय से पहले उठकर अपने स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए और साफ कपड़े पहन कर विष्णु भगवान का ध्यान करना चाहिए
– पूर्व दिशा की तरफ एक पटरे पर पीला रेशमी कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की फोटो को स्थापित करें
धूप दीप जलाएं और कलश स्थापित करें
– भगवान विष्णु को अपने सामर्थ्य के अनुसार फल फूल पान सुपारी नारियल लौंग आदि अर्पण करें और स्वयं भी पीले आसन पर बैठ जाएं
– अपने दाएं हाथ में जल लेकर घर मे धन धान्य की बरकत के लिए भगवान विष्णु के सामने संकल्प लें
– यदि सम्भव हो तो पूरा दिन निराहार रहकर शाम के समय कामिका एकादशी की व्रत कथा सुनें और फलाहार करें
– शाम के समय भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने एक गाय के घी का दीपक जलाएं
– अब दूसरे दिन सुबह ब्राह्मणों को भोजन कराकर तथा दक्षिणा देकर उसके बाद स्वयं खाना खाना चाहिए
कामिका एकादशी पर करें महाउपाय-
– कामिका एकादशी पर सूर्योदय से पहले उठे और स्नान करके हलके पीले रंग के कपड़े पहने
– 5 सफेद जनेऊ को केसर से रंगे और 5 स्वच्छ पीले फल लें
– तुलसी की माला से पीले आसन पर बैठकर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का तीन माला जाप करें
– जाप के बाद पांचों जनेऊ और पीले फल भगवान विष्णु के मंदिर में अर्पण कर दें और मन की इच्छा भगवान विष्णु के सामने जरूर कहें
– स्वयं प्रसाद के रूप में एक केला घर पर ले आएं और परिवार के सभी सदस्यों को दें.

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