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Papamochani Ekadashi पर इस विधि से करें भगवान विष्णु का पूजन, जानिए क्या बरतें सावधानियां

Papamochani Ekadashi 2019: चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है. व्यक्ति के सारे पापों को नष्ट करने की क्षमता के कारण यह एकादशी पापमोचनी कहलाती है. पापमोचनी एकादशी पर व्यक्ति व्रत विधान करके सभी पापों से मुक्त होकर इस संसार के सारे सुख भोगता है. मान्यता है कि पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पीले फूलों से पूजा करने से उनकी कृपा मिलती है. पापमोचनी एकादशी पर नव ग्रहों की पूजा से सारे ग्रह अपना शुभ परिणाम देना शुरू कर देते हैं.
पापमोचनी एकादशी पर ऐसे करें भगवान विष्णु का पूजन-
– पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा करें. उन्हें पीले वस्त्र धारण कराएं और सवा मीटर पीले वस्त्र पर उन्हें स्थापित करें.
– दाएं हाथ में जल पुष्प चंदन लेकर सारे दिन के व्रत का संकल्प लें.
– भगवान विष्णु को 11 पीले फल, 11 फूल, 11 पीली मिठाई तथा पीला चंदन और पीला जनेऊ अर्पण करें.
– इसके बाद पीले आसन पर बैठकर भगवत कथा का पाठ या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.
– आपके मन की इच्छा जरूर पूरी होगी.पापमोचनी एकादशी पर क्या बरतें सावधानी-
– पापमोचनी एकादशी पर स्नान करके साफ कपड़े पहनें और विष्णु भगवान का पूजन करें.
– घर में लहसुन प्याज और तामसिक भोजन बिल्कुल भी ना बनाएं.
– एकादशी की पूजा पाठ में साफ-सुथरे तथा पीले कपड़ों का ही प्रयोग करें तो बेतहर है.
– एकादशी के व्रत विधान में परिवार में शांतिपूर्वक माहौल बनाए रखें और मन ही मन विष्णु मन्त्र का जाप करते रहें.
पापमोचनी एकादशी पर करें ये महाउपाय-
– पापमोचनी एकादशी पर शाम के समय एक चौकोर भोजपत्र लें.
– केसर में जल मिलाकर भगवान विष्णु के चरणों में रखें.
– अनार की कलम की सहायता से भोजपत्र पर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र 3 बार लिखें.
– पीले पुष्प भगवान श्री हरि के चरणों में रखें और भोजपत्र उस पर रखें.
– गाय के घी का दीपक जलाएं और नारायण कवच का पाठ करें.
– अब यह भोजपत्र पीले फूलों के साथ अपने धन रखने के स्थान पर रखें.

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