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100 साल पुराने पालीवाल पार्क पर खतरा, ‘गुड मॉर्निंग, आगरा’ ने उठाया कदम

आगरा। शहर के मध्य स्थित 72.5 एकड़ में फैले पालीवाल पार्क में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर भ्रमणकारियों की संस्था ‘गुड मॉर्निंग, आगरा’ के संरक्षक एवं वरिष्ठ अधिवक्ता के0सी0 जैन द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनहित याचिका सं0 1193/2019 दायर की है। इसकी सुनवाई उच्च न्यायालय के खण्डपीठ न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार सिंह बघेल एवं न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल के द्वारा किये जाने के उपरान्त पक्षकारों को नोटिस दिनांक 24 मई, 2019 को जारी कर दिये। पक्षकारों द्वारा प्रतिउत्तर प्रस्तुत करने हेतु 9 जुलाई, 2019 नियत की है।इस याचिका में यह उल्लेख किया गया कि यह पार्क वर्ष 1886-90 में इंग्लैण्ड के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट ग्रीसन द्वारा ब्रिटिश काल में विकसित किया गया था जो ‘हिविट पार्क’ के नाम से जाना जाता था।

वर्तमान में हजारों युवा, वृद्ध व बच्चे प्रतिदिन टहलने, योग, जोगिंग व व्यायाम के लिये आते हैं किन्तु वर्तमान में यह अव्यवस्थाओं का शिकार है। जैन द्वारा बताया गया इस पार्क से गुजरने वाली सड़कों की नियमित सफाई न तो नगर निगम आगरा द्वारा की जाती है और न ही उद्यान विभाग द्वारा की जाती है।याचिका में यह उल्लेख किया गया है कि पार्क उद्यान विभाग के नियंत्रण व देखरेख में है किन्तु न तो इनकी सफाई उद्यान विभाग द्वारा की जाती है और न ही नगर निगम द्वारा। चूँकि पार्क में गुजरने वाली सड़कों का रखरखाव आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है अतः यह सड़कें ‘पब्लिक स्ट्रीट’ मानी जानी चाहिये जिसकी सफाई की जिम्मेदारी उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम की धारा-385 के अनुसार नगर निगम की ही है। सफाई न करने के मुद्दे को जब नगर निगम के समक्ष उठाया गया तो नगर निगम ने स्पष्ट रूप से यह कह दिया कि हमारा कोई नियमित स्टाफ पालीवाल पार्क में नहीं है। उद्यान विभाग ने भी पार्क की सड़कों की सफाई करने से मना कर दिया। ऐसी स्थिति में याचिका में नगर निगम द्वारा इन सड़कों की नियमित सफाई की मांग रखी गयी है।याचिका के माध्यम से अनेक अन्य मुद्दे भी उठाये गये हैं। पार्क के आन्तरिक भाग में वॉकिंग ट्रेक, रेलिंग, वाउन्ड्री वॉल के भी उचित रखरखाव की भी बात कही गयी है। इस पार्क का कोई भी भाग व्यावसायिक गतिविधियों या सामाजिक कार्यों में उपयोग न आये, यह भी मांग याचिका में रखी गयी है। पार्क के अन्दर आवारा कुत्ते, गाय व अन्य जानवर भी रोके जाने चाहिये।

यही नहीं, जल निगम द्वारा पालीवाल पार्क में 1800 एम0एम0 डायमीटर के पाइप को लाकर छोड़ दिया गया है जो राम नगर कॉलोनी से वजीरपुरा होता हुआ पार्क में आता है जिससे वर्षा ऋतु में गन्दा पानी पार्क के अन्दर आ जाता है। जिसका विरोध करते हुए अशोधित जल के उचित निस्तारण की मांग भी की गयी है। जन सुविधाओं की कमी की बात भी उठायी गयी है। पार्क के एक हिस्से को उद्यान विभाग द्वारा प्रतिवर्ष अमरूद के बाग के रूप में किराये पर उठाया जाता है जिसको याचिका में गलत बताया गया है। यह कहा गया है कि पार्क जनहित के उपयोग का होना चाहिये जिसका कोई भी भाग व्यवसायिक लाभ हेतु किराये पर उद्यान विभाग द्वारा नहीं उठाया जा सकता है। पार्क के अनेक भागों में गन्दगी भी व्याप्त है जो वजीरपुरा से आने वाली रोड के दोनों ओर व पार्क के अनेक अन्य हिस्सों में भी है।

नगर निगम के आधीन जोन्स पब्लिक लाइब्रेरी वाले क्षेत्र में 100 वर्ष से अधिक पुरानी महारानी विक्टोरिया की पुरातत्व महत्व की प्रतिमाऐं रखी हैं जो बिना किसी उचित सुरक्षा व देखभाल के पड़ी हुयी हैं जिनकी सुरक्षा की मांग भी याचिका में उठायी गयी है। पार्क के अन्दर कम कर्मचारियों की बात भी रखी गयी है। और कहा गया है कि प्रति एकड़ कम से कम पार्क में मानकों के अनुसार दो व्यक्ति होने चाहिये जबकि पार्क में कुल 20-22 लोग ही हैं। याचिका में यह भी महत्वपूर्ण बात उठायी गयी है कि पालीवाल पार्क की सड़कों पर जो वाहन गुजरते हैं उनकी अधिकतम गति सीमा निर्धारित की जानी चाहिये तथा भारी वाहनों के आवागमन पर रोक होनी चाहिये ताकि पार्क में धूमने वालों के साथ अनहोनी न हो। गीता भवन व जोन्स पब्लिक लाइब्रेरी के मध्य स्थित टुटे हुये अधूरे निर्माण को हटाने के सम्बन्ध में भी बात रखी गयी है।

विलायती बबूल जो पार्क में अनेक स्थानों पर देखा जा सकता है उसको भी हटाया जाये व उसके स्थान पर अन्य पौधारोपण किया जाये। पार्क के पास से गुजर रहे नाले के जल के शोधन एवं शोधित जल से पार्क में सिंचाई की मांग की गयी है ताकि सिंचाई हेतु भूगर्भ जल को बचाया जा सके। अनेक अन्य विषय भी इस जनहित याचिका में उच्च न्यायालय के समक्ष साक्ष्यों के साथ रखे गये हैं। इस याचिका की पैरवी राहुल अग्रवाल अधिवक्ता उच्च न्यायालय द्वारा की गयी जिनके द्वारा दिये गये सारगर्भित तर्कों को सुनने के बाद खण्डपीठ द्वारा सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किये गये। गुड मॉर्निंग आगरा के रविशंकर (अध्यक्ष), किशोर जैन (सचिव), सुशील गुप्ता, अजय बंसल, अतुल गुप्ता, राजेश खंडेलवाल, डॉ0 अनिल अग्रवाल, हेमेन्द्र अग्रवाल, अजय गुप्ता, मुकेश गर्ग, सुनील अग्रवाल, अनुप गुप्ता आदि ने उच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका की सुनवाई को लेकर हर्ष व्यक्त किया है। आशा प्रकट की कि निकट भविष्य में पालीवाल पार्क भ्रमण कारियों के लिये एक स्वच्छ सुंदर व नियोजित पब्लिक पार्क का स्वरूप लेगा।

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