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विधानसभा चुनाव के परिणामों से एक दिन पहले 10 दिसम्बर को विपक्षी पार्टियों की बैठक

नई दिल्ली: राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणामों से एक दिन पहले विपक्षी पार्टियों की बैठक है. लेकिन इस बैठक में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती विपक्षी एकता को तगड़ा झटका दे सकती हैं. बताया जा रहा है कि मायावती इस बैठक में शामिल नहीं होंगी. इस दिन सकार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है. ऐसे में 10 दिसंबर को काफी सियासी हलचल देखने को मिल सकती हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन में अहम भूमिका निभाने वाली मायावती के विपक्षी पार्टियों की बैठक में शामिल नहीं होने की आशंका जताई जा रही है. कांग्रेस सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि मायावती के प्रतिनिधि सतीश चंद्र मिश्रा को मनाने की काफी कोशिश की गई, लेकिन कामयाबी नहीं मिली.

उनका कहना है कि इसके पीछे राजस्थान और मध्य प्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन न होना हो सकता है. साथ ही सूत्रों ने बताया कि अगले साल लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए अभी विकल्प खुले है. ऐसे में मायावती की गैरमौजूदगी एक रणनीतिक हो सकती है. बैठक में शामिल हो रहे एक वरिष्ठ नेता का कहना है, ‘मेरा मानना है कि वह (मायावती) किसी भी तरीके के वादे में बंधने से पहले देखना चाहती हैं कि 11 दिसंबर को नतीजे क्या रहेंगे.’ 11 दिसंबर से 8 जनवरी तक चलने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति बनाने के लिए ही यह बैठक अहम नहीं है, बल्कि इसमें महागठबंधन में शामिल पार्टियों और आगे इसमें शामिल होने वाले दलों को बुलाया गया है.

विपक्षी पार्टियों के बीच बातचीत में शामिल रहने वाले एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘ चंद्रबाबू नायडू ने पिछले महीने ही यह बैठक बुलाई थी. हमने उनसे आग्रह किया था कि इसे थोड़ा बाद में रखा जाए, क्योंकि ज्यादात्तर लोग प्रचार में व्यस्त रहेंगे.’ जहां बसपा इस बैठक से नदारद रह सकती हैं, वहीं टीएमसी की ममता बनर्जी, आरजेडी के तेजस्वी यादव, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और एचडी कुमारस्वामी या उनके पिता देवगौड़ा शामिल हो सकते हैं.

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