Breaking News

हाथरस कांड: एसआईटी जल्द सौंप सकती है शासन को अपनी रिपोर्ट

अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म के दौरान मारपीट तथा उसकी मौत के कारणों की जांच कर रही प्रदेश सरकार की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) ने अपनी पड़ताल पूरी कर ली है। अब यह टीम प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।

माना जा रहा है कि जल्द टीम अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है, हालांकि एसआईटी की टीम अभी भी हाथरस में है। सूत्रों की मानें तो एसआईटी का समय एक बार और बढ़ाया जा सकता है। जानकारी के अनुसार, एसआईटी को 30 सितंबर को हाथरस कांड में पुलिस की भूमिका की जांच के लिए भेजा गया था। उसे सात दिनों में अपनी जांच पूरी करने को कहा गया था।

लेकिन जांच के दौरान नए नए तथ्य सामने आने के बाद एसआईटी का समय 10 दिनों के लिए और बढ़ा दिया गया। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने अपनी जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है। फिलहाल एसआईटी की टीम हाथरस में ही है। इस बाबत गृह विभाग के अधिकारी भी अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं।

हाथरस कांड की जांच करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसआईटी गठित की गई। गृह सचिव भगवान स्वरूप के नेतृत्व में डीआइजी चंद्रप्रकाश तथा एसपी पूनम ने इस प्रकरण की जांच शुरू की। एसआईटी ने अपनी पड़ताल के दौरान हाथरस के बुलगड़ी गांव में सौ से अधिक लोगों के बयान दर्ज करने के साथ चंदपा थाना के कर्मियों, हाथरस जिला अस्पताल तथा अलीगढ़ के मेडिकल कालेज प्रबंधन से भी बात की।

बुलगड़ी गांव में बयान दर्ज कराने वालों में पीड़ित परिवार के सदस्य, सभी आरोपी व उनके परिवार के लोगों के साथ पुलिस व प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं। एसआईटी की जांच अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। एसआईटी ने पुलिस अधिकारियों, कर्मियों के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों, पीड़ित पक्ष और आरोपी पक्ष के लोगों से कई अहम जानकारियां हासिल की हैं। एसआईटी ने गांव के 40 लोगों को भी नोटिस देकर बुलाया है।

हालांकि कुछ लोग अभी तक एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए हैं। बृहस्पतिवार को एसआईटी ने फिर कुछ लोगों से पूछताछ की और छानबीन की। माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप देगी। ज्ञात हो कि हाथरस के बुलगड़ी गांव में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इस दौरान मारपीट में गंभीर रूप से घायल दलित युवती ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

उसके बाद जिस तरह हाथरस में आनन-फानन में युवती का अंतिम संस्कार किया गया, उसपर काफी विवाद हुआ था। ज्यादा हो हल्ला के बीच योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तत्काल तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया। एसआईटी की शुरूआती जांच के आधार पर ही हाथरस के एसपी विक्रांतवीर तथा सीओ को सस्पेंड किया गया था।

Loading...

Check Also

हज़ारों नागरिकों ने चुनाव आयोग से हेट स्पीच के लिए पीएम मोदी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, बांसवाड़ा / टोंक : राजस्थान के बांसवाड़ा एवं टोंक में प्रधानमंत्री ...