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स्टेशन मास्टरों ने मोमबत्ती जलाकर किया विरोध प्रदर्शन

राहुल यादव, लखनऊ। नाइट ड्यूटी एलाउंस सीलिंग लिमिट 43600 नाइट ड्यूटी की गणना करने के लिए अब बेसिक पे 43600 के आधार पर ही की जाएगी।  इसके विरोध में  भारतवर्ष के  39000 स्टेशन मास्टरों ने  15 अक्टूबर को रात्रि कालीन शिफ्ट में मोमबत्ती जलाकर विरोध किया। ब्रांच हेड क्वार्टर पर 5 स्टेशन मास्टर एवं रोडसाइड स्टेशनों पर ऑन ड्यूटी स्टेशन मास्टरों ने स्टेशन की समस्त लाइट बंद करके मोमबत्ती जलाकर विरोध किया।

अगर इस आदेश को रद्द नहीं किया गया तो 20 अक्टूबर से समस्त भारतवर्ष के स्टेशन मास्टर काला सप्ताह मनाएंगे। 20 अक्टूबर से भारतवर्ष के सभी स्टेशन मास्टर ट्रेन संचालन को सुचारू रूप से रखते हुए काला रिबन लगा कर के आदेश का विरोध करेंगे।   

मंडल संयोजक  आर के यादव ने कहा  कि इसके बाद भी अगर आदेश को रद्द नहीं किया गया तो 31 अक्टूबर को भारतवर्ष के समस्त  ऑन ड्यूटी एवं ऑफ ड्यूटी स्टेशन मास्टर 12 घंटे की भूख हड़ताल पर जाएंगे।

इससे पूर्व भी नाइट ड्यूटी का पत्र रेलवे बोर्ड ने दिनांक  8 मार्च  2018 को जारी किया गया था  जिसमें किसी भी प्रकार का  विचाराधीन मामला नहीं बताया है जबकि  जो वर्तमान में  पत्र जारी किया गया है  उसकी लागू होने की तिथि  एक जुलाई 2017  दी गई है  जिसका कोई औचित्य नहीं है. पत्र 2018 में लागू होने के बाद रेलवे बोर्ड ने 1 जुलाई 2017 से नाइट ड्यूटी का एरियर भी कर्मचारियों को दिया है जो कैटेगरी संरक्षा के साथ अनवरत रूप से नाइट ड्यूटी करते हैं उनके साथ ऐसा व्यवहार रेलवे प्रशासन का संरक्षा के साथ खिलवाड़ है.

ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ऐसे आदेशों का वैधानिक तरीके से घोर विरोध करता है और प्रशासन को चेतावनी देता है कि इसके बाद भी प्रशासन ने यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी रेल प्रशासन की होगी। 

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