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आम्रपाली के सारे अधूरे कार्य NBCC पूरा करेगा साथ ही 30 दिनों में सभी प्रोजेक्ट की डिटेल्स, खर्च कोर्ट को देगा -SC

लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट (SC) से आम्रपाली प्रोजेक्ट्स में प्रॉपर्टी बुक कराने वाले खरीददारों को बड़ी राहत मिली है. दरअसल, कोर्ट ने कंपनी के सभी अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी अब National Buildings Construction Corporation Ltd (NBCC) को दे दी है. SC ने NBCC से कहा कि वह 30 दिनों में सभी प्रोजेक्ट की डिटेल्स समय व खर्च सीमा के साथ प्रस्ताव कोर्ट को दे. साथ ही फ्लैट खरीददारों के वकीलों को अपने सभी कागजात समय पर देने को भी कहा गया है. कोर्ट ने नोएड ग्रेटर नोएडा अधिकरण को भी सभी संबंधित दस्तावेज भी NBCC से शेयर करने को कहा है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ही आम्रपाली ग्रुप के सभी खातों को फ्रीज करने का आदेश जारी किया था. बुधवार को हुई सनुवाई के दौरान कोर्ट ने कंपनी के सभी डायरेक्टर के भी बैंक खातों को फ्रीज करने को कहा है.

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सभी डायरेक्टर के व्यक्तिगत सम्पत्ति को भी अटैच करने को कहा है. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप कोर्ट के साथ गंदा खेल खेल रही है. ग्रुप सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का भी पालन नहीं कर रही. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराते हुए कहा कि आम्रपाली ग्रुप से जुड़े लोग उनके सब्र का इंतहा ले रहे हैं. इस मामले में कोर्ट ने शहरी विकास मंत्रालय के सेकेट्री को भी समन जारी किया है

इसी साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप से उनके प्रोजेक्ट को लेकर सवाल पूछे थे. कोर्ट ने उस दौरान पूछा था कि नौ प्रोजेक्ट कब तक पूरे होंगे और कितनी लागत आएगी? रकम कौन लगाएगा? और बॉयर्स से इसके लिए कितना पैसा लिया गया है?आम्रपाली ग्रुप 17 अप्रैल को इन सवालों के जवाब देगा.दरअसल खरीदारों की ओर से कोर्ट में पेश रिपोर्ट में आम्रपाली के 9 प्रोजेक्टों को 3 दर्जे में बांटा गया है. एक में पूरे हो चुके प्रोजेक्ट हैं जिनमें कुछ लोग रह भी रहे हैं पर लिफ्ट, फायर सेफ्टी, पावर बैकअप जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. दूसरे में 6 से 9 महीनों में पूरा होने वाले प्रोजेक्ट हैं. तीसरे में अभी तक शुरू न होने वाले प्रोजेक्ट हैं.

सुप्रीम कोर्ट में खरीदारों ओर से पेश वकील एमएल लाहौटी ने बताया कि उनकी ओर से कोर्ट में 16 में से 9 प्रोजेक्टों के बारे में रिपोर्ट पेश की गई. कोर्ट को बताया गया कि इनमें से 5 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनमें लोग रह रहे हैं लेकिन कुछ न कुछ एनओसी की कमियों की वजह से उन्हें कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया है. किसी में फायर का एनओसी नहीं है तो किसी में लिफ्ट की कमी है.

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