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समय से पूरी हों एक्सप्रेस वे और लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर परियोजनायें : मुख्य सचिव

अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मंगलवार को राज्य की सभी एक्सप्रेस वे परियोजनाओं के साथ लखनऊ में बनने वाले ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा करते हुये अधिकारियों से इन परियोजनाओं का काम समय से पूरा करने के निर्देश दिये हैं।

राज्य की विभिन्न महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के काम की निगरानी के लिये गठित प्रोजेक्ट माॅनीटरिंग ग्रुप की बैठक में मिश्रा ने बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की प्रगति समीक्षा की गई। मिश्रा की अध्यक्षता में हुयी बैठक में एक्सप्रेस वे के अलावा ग्रीन कॉरीडोर परियाजना की भी समीक्षा की गयी।

मिश्रा ने कहा कि निर्माणाधीन सभी एक्सप्रेसवे पर पेट्रोल पंप, टाॅयलेट एवं रेस्टोरेन्ट आदि के निर्माण कार्य भी समय से सुनिश्चित किये जायें। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे की कुल लम्बाई 296.70 किलोमीटर है। चार लेन वाले इस मार्ग को छह लेन तक का बनाया जा सकता है। इसकी अनुमानित लागत 14,849 करोड़ रुपये है।

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे जनपद-चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरेय्या एवं इटावा से होकर गुजरेगा। इस पर 217 किमी सड़क तैयार हो गई है। इसी प्रकार गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति समीक्षा में बताया गया कि गत 31 दिसंबर तक इसका करीब 31.99 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है तथा शेष कार्य बड़ी तेजी से चल रहे हैं।

वहीं, गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण का करीब 93.03 प्रतिशत जमीन की खरीद और अधिग्रहण किया जा चुका है। परियोजना की कुल लंबाई 594 किमी है। छह लेन वाले इस मार्ग को आठ लेन तक बनाया जा सकता है। बैठक में अपर मुख्य सचिव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन सुरेश चन्द्रा, सचिव (मुख्यमंत्री) आलोक कुमार सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित थे।

इसके अलावा मुख्य सचिव ने लखनऊ ग्रीन कॉरीडोर प्रोजेक्ट के काम की भी समीक्षा की। इसमें लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने इस परियोजना के काम की प्रगति से अवगत कराते हुये नगर निगम व अपट्रॉन की दो हेक्टेयर भूमि को मॉनिटाइजेशन हेतु उपलब्ध कराने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उक्त भूमि अभी भी उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।
इस पर मुख्य सचिव ने इसके कानूनी पहलुओं का परीक्षण कराने के लिए विशेष सचिव नगर विकास, नगर आयुक्त और लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष की समिति गठित करने के निर्देश दिये गये।

बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, विशेष सचिव नगर विकास अनिल कुमार, मण्डलायुक्त रंजन कुमार, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश एवं प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार सहित संबंधित विभागों के अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।

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