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शाहीन बाग़ की दादी ने केंद्र के वार्ताकारों से कहा – गोली चली तो भी एक इंच नहीं हटेंगे

दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ 67 दिनों से धरना प्रदर्शन हो रहा है। इसके चलते शाहीन बाग में कालिंदी कुंज सड़क बंद है। आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लगाई गई हैं, जिसके बाद शीर्ष कोर्ट ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार नियुक्त किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बुधवार को वार्ताकार सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े और सीनियर एडवोकेट साधना रामचंद्रन शाहीन बाग पहुंचे। उन्होंने मंच पर पहुंचकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ा और फिर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से सुलह के फॉर्मूले पर बातचीत की।

शाहीन बाग पहुंचे वार्ताकारों ने सबसे पहले धरना प्रदर्शन कर रहीं दादियों से बातचीत की। सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने कहा कि हम सबसे पहले शाहीन बाग की दादियों की बात सुनेंगे।

इसके बाद बाकी महिलाओं से बात की जाएगी। संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हम यहां पर आप सभी की बात सुनने आए हैं। हम सबकी बात आराम से सुनेंगे।

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों के सामने अपनी बात रखी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि चाहे हम पर गोली चलाई जाए, लेकिन जब तक नागरिकता संशोधन अधिनियम वापस नहीं ले लिया जाता है, तब तक हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि हमको देशद्रोही कहा जा रहा है और कुछ लोग हमको गोली मारना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम देशद्रोही नहीं हैं, बल्कि देशभक्त हैं. हमने अंग्रेजों से लोहा लिया है।

इसके बाद वार्ताकार लौट गए और गुरुवार को फिर से वार्ताकार शाहीन बाग पहुंचेंगे। शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से मुलाकात के बाद साधना रामचंद्रन ने कहा, ‘हमने बुधवार को पहली मुलाकात की. शाहीन बाग में माताओं, बहनों और नागरिकों से मुलाकात की। बहुत अच्छा लगा।

बुधवार तो बात पूरी हो नहीं पाई. प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि हम गुरुवार को दोबारा आएं। अब हम गुरुवार को दोबारा आएंगे और बातचीत करेंगे। वार्ताकारों ने यह भी साफ किया कि वो सिर्फ बात करने आए हैं और जो भी सहमति बनेगी उस पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट को ही करना है।

साधना रामचंद्रन ने कहा कि हम यहां कोई फैसला करने नहीं आए हैं। हम सिर्फ आपसे बात करने और आपको सुनने आए हैं। इससे पहले जब दोनों वार्ताकार शाहीन बाग के मंच पर पहुंचे, तो लोगों ने ताली बजाकर और नारे लगाकर उनका स्वागत किया।

इसके बाद वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि मीडिया हमारे समाज का अहम हिस्सा है, लेकिन हम मीडिया के सामने वार्ता नहीं करेंगे। हालांकि हम बाद में इसको लेकर मीडिया को ब्रीफ कर देंगे।

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