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ब्रिक्स देशों को धनशोधन, आतंकियों को वित्तीय मदद तथा कट्टरपंथ के खिलाफ संयुक्त करवाई करनी चाहिए -सुषमा स्वराज

लखनऊ : विदेशमंत्री सुषमा स्वराज  ने सोमवार(4 जून) को आह्वान किया कि ब्रिक्स देशों को धनशोधन, आतंकियों को वित्तीय मदद तथा कट्टरपंथ के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने रेखांकित किया कि बहुपक्षवाद, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और नियम आधारित विश्व व्यवस्था के सामने आज ‘‘ बड़ी चुनौती ’’ उत्पन्न हो रही है. दक्षिण अफ्रीका की पांच दिन की यात्रा पर पहुंचीं सुषमा ब्रिक्स (ब्राजील , रूस , भारत , चीन और दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग ले रही हैं. बैठक में जोहानिसबर्ग में अगले महीने होने वाले समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन की नींव रखे जाने की उम्मीद है.

 दीर्घाकालिक वृद्धि के लिए ब्रिक्स राष्ट्रों का आह्वान किया 
सुषमा ने कहा , ‘‘ यहां हमारी चर्चा अंतर ब्रिक्स सहयोग को आगे और मजबूत करने की दिशा में योगदान देगी. ’’ विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में उनके हवाले से कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में अंतर ब्रिक्स सहयोग को मजबूत करने में ब्रिक्स की भूमिका को भारत बहुत महत्व देता है. सुषमा ने दीर्घाकालिक वृद्धि के लिए ब्रिक्स राष्ट्रों का आह्वान किया कि वे सामने खड़ी चुनौतियों के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई करें.

 चुनौतियां लगातार बनी हुई हैं
उन्होंने कहा , ‘‘ आज हमारी बैठक ऐसे समय हो रही है जब बहुपक्षवाद , अंतरराष्ट्रीय व्यापार और नियम आधारित विश्व व्यवस्था को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ’’ विदेश मंत्री ने कहा , ‘‘ यद्यपि वैश्विक वृद्धि ने सही हालात के संकेत दर्शाए हैं , लेकिन दीर्घकालिक वृद्धि के समक्ष चुनौतियां लगातार बनी हुई हैं. वैश्वीकरण का लाभ सभी तक पहुंचाना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है. ’’ सुषमा ने कहा , ‘‘ प्रधानमंत्री मोदी ने हमारी प्राथमिकताओं के रूप में धनशोधन , आतंकवादियों को वित्तीय मदद , साइबर स्पेस और कट्टरपंथ के खात्मे पर ध्यान केंद्रित करते हुए संयुक्त कार्रवाई के लिए ब्रिक्स की आतंकवाद रोधी रणनीति का आह्वान किया था. ’’ उन्होंने कहा , ‘‘ हमारे नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी ढांचे को सक्षम और प्रभावी बनाने का भी आह्वान किया है. दक्षिण अफ्रीकी ब्रिक्स अध्यक्षता के तहत हम आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए हमारे नेताओं के संकल्प के क्रियान्वयन के वास्ते अपनी प्रतिबद्धता को फिर दोहराते हैं. ’’

बैठक में भाग लेने वाले अन्य विदेश मंत्रियों में चीन के वांग यी , दक्षिण अफ्रीका के लिंदिवे सिसुलू , ब्राजील के मार्कोस बेजेरा एबोट गलवाओ और रूस के सर्गेई लावरोव शामिल हैं. सुषमा ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठकों के दौरान सुरक्षा , आतंकवाद , संयुक्त राष्ट्र सुधार , शांति मिशन , कट्टरपंथ , साइबर सुरक्षा , ऊर्जा सुरक्षा , वैश्विक प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में ब्रिक्स सहयोग पर विस्तार से चर्चा की जाती है.

 भारत दक्षिण अफ्रीका के शिखर सम्मेलन  का स्वागत करता है 
उन्होंने कहा , ‘‘ अब यह आवश्यक है कि हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में ब्रिक्स सुरक्षा फोरम स्थापित करने पर बनी सहमति पूरी तरह क्रियान्वित हो. ’’ सुषमा ने कहा कि भारत दक्षिण अफ्रीका के शिखर सम्मेलन थीम का स्वागत करता है जो अफ्रीका में समावेशी ढंग से विकास के प्रति समर्पित है.

उन्होंने कहा , ‘‘ हम भविष्य की वृद्धि और भविष्य की पीढ़ियों के लिए इसके महत्व तथा उनके लिए रोजगार संभावनाओं के इंजन के रूप में प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किए जाने का भी स्वागत करते हैं. ’’ सुषमा इब्सा (भारत , ब्राजील , दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता भी करेंगी. यह एक अन्य समूह है जो तीनों देशों के बीच बड़े वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को गहरा करने के लिए काम कर रहा है.

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