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लोकसभा चुनाव 2019ः कहीं एक्टिव, तो कहीं सुस्त दिख रही राजधानी पुलिस

लखनऊ। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद राजधानी पुलिस भी एक्शन के मूड में दिखाई पड़ रही है। राजधानी के बड़े कप्तान के निर्देश के बाद कई थानो की पुलिस एक्टिव दिख रही है तो वहीँ कई थाना क्षेत्र की पुलिस अभी भी सुस्त और मस्त दिखाई पड़ रही है। लोकसभा का चुनाव आसानी से निपट जाए और उसमे कोई खलल न पड़े इसे लेकर राजधानी के बड़े कप्तान काफी संजीदा है जबकि उनके मातहत कई थानेदार उनके निर्देश की भी कोई परवाह नहीं कर रहे हैं। आपको बता दें राजधानी लखनऊ के अहम चिनहट थाना इलाके में अब भी पुलिस पूरी तरह से सुस्त दिख रही है। लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है।

कई इलाके की पुलिस ने अपने अपने इलाके में अपराधियों की धर पकड़ और चेकिंग अभियान तेज कर दिया है।लेकिन चिनहट में अभी ऐसा कुछ नहीं है। स्थानीय पुलिस सिर्फ ट्रको से पैसा वसूलने में मस्त है।गश्त,चेकिंग और अपराधियों की धर पकड़ का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। चिनहट का ज्यादातर इलाका मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र में आता है। और यहाँ औधोगिक इलाके के साथ ही साथ एक लंबे दायरे में ग्रामीण इलाका भी आता है जहाँ अपराधी और गुंडे खुलेआम घूम रहे हैं। चिनहट के बगल का थाना इन्दिरानगर पूरी तरह से चुनाव को शांति पूर्ण निपटाने में जुट गया है ।इन्दिरानगर पुलिस रूटीन चेकिंग और अपराधियों की धर पकड़ में जुट गयी है ।

जबकि चिनहट में अभी भी कई इलाको में पुलिस के नाम पर एक चिड़िया भी दिखाई नहीं पड़ती। किसान यूनियन से जुड़े एक स्थानीय नेता ने बताया की चिनहट और इन्दिरानगर थाना क्षेत्र के बॉर्डर पर बसे नौबस्ता कला, नेवादा से लेकर अपट्रान चैकी इलाके के तमाम गाँवों में इस समय छुटभैये नेता और गुंडे माफियाओ के पौ बारह हैं। इतना ही नहीं इस इलाके के एक चर्चित और विवादित मंदिर में गैर जनपद से आने वाले गुंडों ,माफियाओ की आमद दरफ्त बढ़ गयी है।खास बात यह है की नौबस्ता पुलिया के आसपास का इलाका इन स्थानीय छुटभैये नेताओ और गुंडों का गढ़ बना हुआ है।

ये गुंडे और स्थानीय छुटभैये नेता लोगों को धमकाने में जुट गए हैं।इन इलाको में ज्यादातर बाहर से आये लोगों ने अपने मकान बना रखे हैं जिनके ऊपर ये छुटभैये नेता अपना रौब गांठते फिर रहे हैं। लोग डर के चलते पुलिस से अपनी बात नहीं कह पा रहे हैं और चिनहट पुलिस भी इसे लेकर अपनी तरफ से कोई प्रयास नहीं कर रही है। चिनहट पुलिस के सुस्त रवैये के चलते इस इलाके में शांति पूर्ण चुनाव निपटेगा यह कहना अभी मुश्किल है। इतना ही नहीं चिनहट के ढाबे और चाय की दुकाने अपराधियो और हिस्ट्रीशीटरों का गढ़ बन चुकी हैं। इन होटलो और ढाबो के जरिये इलाके के गुंडे और अपराधी खुलेआम स्मैक ,चरस और गांजा बेच कर रोजाना मोटी रकम बटोर रहे हैं।

सूत्र बताते हैं की इन अपराधियों के बारे में चिनहट पुलिस को पूरी जानकारी है लेकिन कमाई के हिस्से के लालच में पुलिस इन अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने के बजाये उनसे गलबहियां कर रही है। फिलहाल एक तरफ जहाँ लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद कई थाना क्षेत्रो की पुलिस अपराधियो की धर पकड़ में जुट गयी है और जगह जगह वाहनों और संदिग्ध लोगों की जांच कर रही है वहीँ दूसरी तरफ चिनहट पुलिस अभी भी मस्त है। चिनहट पुलिस के लिए बड़े कप्तान का निर्देश भी कोई मायने नहीं रखता। सबसे ज्यादा खराब हालत चिनहट के अपट्रान चौकी इलाके के गांवों की है। यहाँ पुलिस की सुस्ती के चलते निष्पक्ष चुनाव हो पाना आसान नहीं दिखाई पड़ रहा है।

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