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रुहेलखंड विश्वविद्यालय में पीएचडी की ऑनलाइन होगी पढ़ाई

लखनऊ। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में पीएचडी (शोध) की पढ़ाई अब ऑनलाइन शुरू की जाएगी। अप्रैल माह में प्रवेश होने के बाद कोरोना की वजह से कक्षाएं संचालित नहीं हो सकी थीं। अभी भौतिक कक्षाओं पर भी रोक लगी है, ऐसे में ऑनलाइन पाठ्यक्रम पर विचार किया जा रहा है। कुलपति से वर्चुअल बैठक में वार्ता के बाद शोध निदेशक ने पढ़ाई शुरू कराने की बात कही है। अगले सत्र में प्रवेश के लिए भी तैयारी शुरू कर दी गई है।

पीएचडी में 2019 में प्रवेश परीक्षा होने के बाद प्रवेश नहीं हो सके थे। करीब डेढ़ साल बाद दिसंबर 2020 में विषयवार छात्रों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। मार्च और अप्रैल माह में काउंसिलिंग के लिए छात्रों को बुलाया गया। छात्रों के प्रवेश तो गए लेकिन कोरोना की वजह से पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी। ऐसे में एक बार फिर से पीएचडी के पाठ्यक्रम पर ब्रेक लग गया। कोरोना की वजह से भौतिक कक्षाओं पर रोक लगा दी गई।

शोध निदेशालय ने ऑनलाइन पढ़ाई की तैयारी शुरू की लेकिन शासन स्तर पर ऑनलाइन कक्षाओं पर भी रोक लगा दी गई। अब एक बार फिर से शासन ने ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके बाद शोध निदेशालय ने पाठ्यक्रम को ऑनलाइन पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी है। तीन दिन पहले कुलपति के साथ हुई वर्चुअल बैठक में इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई। पीएचडी में करीब 300 छात्रों ने प्रवेश लिया है।

सभी को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा जाएगा। शोध निदेशक प्रो. सुधीर कुमार ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के साथ अगले सत्र में प्रवेश के लिए भी तैयारी कर दी है। पहले जून माह में प्रवेश परीक्षा कराने की तैयारी थी लेकिन अब इसमें कुछ देरी हो सकती है। विश्वविद्यालय ने साल में दो बार प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय लिया है लेकिन कोरोना की वजह से कुछ दिक्कतें हो रही हैं। इसी वजह से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की जा रही है।

50 फीसदी कर्मचारियों की होगी उपस्थिति
शासन के निर्देश पर कोरोना की वजह से एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय व इससे संबद्ध महाविद्यालयों में भौतिक कक्षाओं के साथ ऑनलाइन कक्षाओं और शिक्षकों व कर्मचारियों के आने पर भी रोक लगा दी गई थी। अब शासन ने एक बार फिर से 20 मई से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

ऑनलाइन कक्षाओं विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों की वजाय घर से संचालित होंगी। छात्र-छात्राओं की शिक्षण संस्थान में उपस्थित पर रोक रहेगी। परिसर में शिक्षकों की उपस्थिति का निर्णय कुलपति व प्राचार्य लेंगे। छात्र या शिक्षक के संक्रमित होने और फिर निगेटिव होने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर निर्णय भी कुलपति व प्राचार्य करेंगे। विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में कार्यरत समूह ख, ग व घ के कर्मचारियों की 50 प्रतिशत उपस्थित होगी। इसके लिए रोस्टर तैयार किया जाएगा। 50 फीसदी कर्मचारी घर से कार्य करेंगे।

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