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योगी ने दिए बाढ़ राहत को प्राथमिकता से पूरे करने के निर्देश

अशाेेेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत के काम प्राथमिकता से करने के आज निदेश दिये। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने आज यहां संवाददाताओं को कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा समस्त बाढ़ प्रभावित जिलों के जिलाधिकारी को बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिये गये हैं।

जिलों द्वारा ऊपरी क्षेत्रों में स्थित विभिन्न बांधों/जलाशय से पानी छोड़े जाने की सूचना निरन्तर जानकारी रखने के साथ-साथ बाढ़ से बचाव हेतु समस्त तैयारियां पूर्व से ही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हेै कि जिले के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बांधों का निरीक्षण किया जाए तथा तटबंधों को सुरक्षित करने के उपाय समय से सुनिश्चित किये जाए ताकि नदी के किनारे के गांवों को बाढ़ की विभीषिका से बचाया जा सके।

श्री गोयल ने बाढ़ की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि प्रदेश के वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। प्रदेश में बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। उन्होंनें कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में कुल 22 टीमें तैनाती की गयी है। 644 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है।

उन्होंने कहा कि 17 प्रकार की सामग्री जिसमें 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 05 किलो लाई, 02 किलो भूना चना, 02 किलो अरहर की दाल, 500 ग्रा0 नमक, 250 ग्रा0 हल्दी, 250 ग्रा0 मिर्च, 250 ग्रा0 धनिया, 05 ली0 केरोसिन, 01 पैकेट मोमबत्ती, 01 पैकेट माचिस, 10 पैकेट बिस्कुट, 01 ली0 रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं 02 नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है।

उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के तहत 51,403 खाद्यान्न किट व 1,84,524 मी. तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 262 मेडिकल टीम लगायी गयी है। गोयल ने बताया कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 300 बाढ़ शरणालय तथा 735 बाढ़ चैकी स्थापित की गयी है।

वर्तमान में प्रदेश के 16 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 517 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू नदी, तुर्तीपार बलिया में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।

प्रदेश में 200 पशु शिविर स्थापित किए गये है तथा 6,17,920 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 1608 कुंतल भूसा वितरित किया गया है।

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