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‘मेरे आंसू जो निकले, वह किसान के आंसू थे, करवाएं सरकार से संवाद’: राकेश टिकैत

अशाेक यादव, लखनऊ। सर्वदलीय बैठक में विपक्ष से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को लेकर अहम बात कही थी। उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों से बस एक फोन कॉल की दूरी पर है। पीएम मोदी के इस बयान पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उनका धन्यवाद करते हुए जवाब दिया है। टिकैत ने पीएम मोदी से अपील की है कि वह किसानों और सरकार के बीच संवाद स्थापित करवाएं।

इस दौरान राकेश टिकैत ने आगे कहा कि मेरे आंसू जो निकले, वह किसान के आंसू थे। न सरकार का सिर झुकने देंगे न किसान की पगड़ी झुकने देंगे। हमारे लोगों पर अगर पत्थर चलेंगे तो किसान भी वही है और ट्रैक्टर भी वही है।

राकेश टिकैत के अलावा एक अन्य किसान नेता शिव कुमार कक्काजी ने इस मसले पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अगर वो एक कॉल की दूरी पर हैं तो हम तो बस एक रिंग की दूरी पर हैं। वो जिस दिन घंटी कर दें हम उस दिन पहुंच जाएंगे। बातचीत से ही हल निकलना चाहिए। उससे हम पीछे नहीं हो रहे हैं। बातचीत करने से कभी हमने गुरेज नहीं किया है। प्रधानमंत्री ने बातचीत के लिए कहा है तो हम इसका स्वागत करते हैं।

बता दें कि पिछले करीब दो महीनों से नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सड़कों पर आंदोलनरत है। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन की धार कुंद पड़ती नजर आ रही थी, लेकिन राकेश टिकैत के आंसुओं ने एक बार फिर से किसानों के आंदोलन को लगभग दोबारा जीवंत करने का काम किया।

कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच अभी तक कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई बात नहीं बनी। पूरे देश की नजरें इस वक्त पीएम मोदी और राकेश टिकैत पर टिकी हुई हैं कि आखिर सरकार किसानों समझाने में कामयाब होगी या फिर सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानून उन्हें रद्द करने पडेंगे।

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