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मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम 6 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेजे गए

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कार्ति चिदंबरम 6 मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेजे गए हैं. छह मार्च को फिर से कार्ति की पेशी होगी. इस दौरान कार्ति के घर के खाने के आग्रह करने पर सीबीआई ने कहा कि वहां भी अच्छा खाना मिलता है. सीबीआई इसका पूरा ध्यान रखेगी.कोर्ट ने कहा कि अगर दिक्कत हो तो घर के खाने पर विचार करे. वहीं, सीबीआई ने कोर्ट से शिकायत की कि कार्ति सोने की चेन और अंगूठी नहीं उतार रहे हैं. उन्होंने इसके पीछे धार्मिक मामले को वजह बताया है. कोर्ट ने कहा कि इस बारे में अगली बार देखेंगे. जज साहब ने मुस्कुराते हुए कहा कि हर चीज में लड़ाई नहीं की जाती है, आप इंवेस्टीगेशन का काम कीजिए.

दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सीबीआई पूछताछ के लिए कार्ति की हिरासत अवधि 14 दिन बढ़ाने की मांग कर रही थी. हालांकि कोर्ट ने सिर्फ 6 मार्च तक ही कार्ति को हिरासत में भेजा है. हालांकि कार्ति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इसका विरोध किया. गौरतलब है कि बुधवार सुबह कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था.

कार्ति चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि कार्ति का रिमांड बढ़ाने का मतलब नहीं है. उन्हें पिछले साल 28 अगस्त के बाद समन नहीं किया गया है. वह मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बाद 20-15 दिनों के लिए बाहर गए थे. यह विदेश से वक्त पर देश में लौटने का इनाम है. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के पीछे कारण होते हैं, भागने का डर, सबूतों से छेड़छाड़ या जांच में सहयोग ना करना का कोई आधार ही नहीं है. उन्होंने पूछा कि मई 2017 में कार्रवाई शुरू करके दो बार पूछताछ करके क्या इस तरह चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार करना सही है ?

वहीं, सीबीआई की तरफ से पेश ASG तुषार मेहता ने कहा कि बुधवार को कोर्ट ने कहा था कि मामले की आगे जांच होनी चाहिए, यानी हिरासत मिलनी चाहिए. कार्तिक को 14 दिन का और रिमांड दिया जाए. कोर्ट ने कहा था कि आरोपी का मेडिकल तुरंत और गुरुवार को पेश करने से पहले किया जाए, लेकिन इस आदेश के जारी होने के बाद क्या हुआ. आरोपी को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया. वहां आरोपी ने कहा कि किसी बीमारी की शिकायत नहीं है. इसके बावजूद डॉक्टर ने उसे बिना गंभीर बीमारी की शिकायत के CCU में शिफ्ट कर दिया. रात भर उसे रखा गया और सुबह 8.30 पर छोड़ा गया. इसके बाद उसे सीबीआई लाया गया और फिर कुछ देर तक ही 10 बजे के बाद पूछताछ हो पाई. सीबीआई ने सफदरजंग अस्पताल की रिपोर्ट दाखिल की. डॉक्टरों को ये नहीं करना चाहिए था. अब कोर्ट तय करे कि इस मामले में क्या किया जाए, इस केस में आरोपी से पूछताछ नहीं हो पाई है, इसलिए सीबीआई को जांच और पूछताछ की जरूरत है.

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