नई दिल्ली: भारत को अगले 20 साल में 320 अरब डॉलर मूल्य के 2,300 विमानों की जरूरत होगी। रुपए में यह राशि 22,45,364 करोड़ रुपए बैठती है जिनमें से 85 प्रतिशत विमान छोटे आकार के और शेष बड़े आकार वाले होंगे। यह अनुमान 2018 से 2037 की अवधि के लिए है। बोइंग के अनुसार भारत को इस अवधि में 220 अरब डॉलर मूल्य के 1,940 सिंगल आइल (सीटों के बीच में एक खाली मार्ग वाले छोटे विमान) विमानों की जरूरत होगी वहीं साथ ही उसे 100 अरब डॉलर के 350 बड़े विमानों की भी जरूरत होगी। इस अवधि में एक अरब डॉलर से कम मूल्य के 10 क्षेत्रीय जेट विमानों की जरूरत भी भारत को होगी।
बोइंग कर्मिशयल एयरप्लेन्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (एशिया प्रशांत और भारत बिक्री) दिनेश केसकर ने कहा कि भारत तेज रफ्तार से वृद्धि दर्ज करता रहेगा। केसकर ने कहा कि भारत का विमानन बाजार काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यात्रियों की संख्या बढने के बावजूद ज्यादातर एयरलाइंस मुनाफा नहीं कमा पा रही हैं। भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता घरेलू विमानन बाजार है। अक्तूबर में इसने लगातार 50वें महीने 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। दिनेश केसकर ने कहा कि भारत तेज रफ्तार से वृद्धि दर्ज करता रहेगा। केसकर ने कहा कि भारत का विमानन बाजार काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि यात्रियों की संख्या बढने के बावजूद ज्यादातर एयरलाइंस मुनाफा नहीं कमा पा रही हैं। भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता घरेलू विमानन बाजार है। अक्तूबर में इसने लगातार 50वें महीने 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है।