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भागवत के शेर-कुत्ते वाले बयान पर देश में बवाल, असदुद्दीन ओवैसी बोले 90 वर्षों में नहीं बदली RSS की भाषा

लखनऊ : अमेरिका में विश्व हिन्दू कांग्रेस में संघ प्रमुख मोहन भागवत के शेर और कुत्ते वाले बयान पर बवाल मच गया है. AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर ने भागवत के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है.

ओवैसी और आंबेडकर ने आरोप लगाया है कि भागवत के इस बयान में शेर का आशय संघ और कुत्ते का विपक्षी पार्टियों से है. ओवैसी ने कहा कि भारत के संविधान में सभी को इंसान के रूप में बताया गया है. इसमें किसी को भी शेर या कुत्ते के रूप में नहीं कहा गया है. संघ के साथ यही दिक्कत है. संघ भारत के संविधान को नहीं मानता. संघ की विचारधारा ही ऐसी है. इसमें वे खुद को शेर और बाकी सभी को कुत्ता समझते हैं. वे खुद को शक्तिशाली और दूसरों को कमजोर समझते हैं. लेकिन हमारे संविधान में सभी को बराबर समझा गया है.

ओवैसी ने कहा कि वे भागवत के इस बयान से जरा भी नहीं चौंके हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कहा कि आरएसएस पिछले 90 साल से इसी भाषा का इस्तेमाल करती आ रही है. देश की जनता उन्हें इसका जवाब देगी.

भागवत ने शुक्रवार को अपने संबोधन में कहा था कि हिंदुओं को प्रभुत्व की कोई आकांक्षा नहीं है और समुदाय तभी समृद्ध होगा जब वह एक समाज के रूप में काम करेगा. उन्होंने कहा था कि ‘अगर एक शेर अकेला है तो जंगली कुत्ते आक्रमण करके शेर को खत्म कर सकते हैं. हमें यह नहीं भूलना चाहिए.’ भागवत ने कहा कि हम दुनिया को बेहतर बनाना चाहते हैं. हमें प्रभुत्व की कोई आकांक्षा नहीं है. हमारा प्रभाव विजय अथवा औपनिवेशीकरण का परिणाम नहीं है.

वहीं भारिप बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर ने भी अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व हिंदू कांग्रेस में भागवत के बयान की निंदा की है. अंबेडकर ने शनिवार को संवाददाताओं से बातचीत में भागवत के इस बयान की निंदा की और दावा किया कि ‘कुत्ते’ का संदर्भ देश की विपक्षी पार्टियों के लिए है. उन्होंने कहा कि मैं मोहन भागवत की इस मानसिकता की निंदा करता हूं जिसमें उन्होंने देश की विपक्षी पार्टियों का जिक्र कुत्ते के रूप में किया है.

उन्होंने कहा कि पार्टियां सत्ता में आईं और गईं लेकिन यह मानसिकता सत्तापक्ष की यह सोच दिखाती है कि विपक्ष उनसे लड़ नहीं सकता. आंबेडकर ने कहा कि मेरा मानना है कि उन्हें सत्ता में दोबारा लाने से पहले लोगों को पुन: सोचना चाहिए.

उन्होंने नई दिल्ली में राष्ट्रीय पदाधिकारियों और राज्य इकाई के अध्यक्षों की बैठक में ‘अजेय भाजपा’ ने उनके नारे पर भी तंज किया. उन्होंने कहा कि भाजपा गुजरात में लगभग हार ही गए थे और कर्नाटक में हार गए. अब केवल दो महीने की ही बात है जब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम के चुनाव परिणाम आ जाएंगे.

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