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बर्ड फ्लू का मंडराता खतरा, इससे पैदा हो सकती है जानलेवा स्थिति, जाने कैसे करें अपना बचाव

फ्लू बहुत खतरनाक और जहरीला रोग है जो कई प्रकार के होते हैं। इन्हीं में से एक है बर्ड फ्लू यानि एवियन इन्फ्लूएंजा जिसका वायरस जानवरों से होकर इंसानों में फैलता हैं। जब बर्ड फ्लू मनुष्यों के शरीर में हमला करते हैं तो इससे जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। शुरूआती लक्षणों में तेज बुखार,श्वसन तंत्र में इंफेक्शन आदि होते हैं। आईए जानते हैं क्या है बर्ड फ्लू और कैसे करें इससे बचाव।
क्या है बर्ड फ्लू
एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस एच 5 एन बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है। यह वायरस इंसानों और पक्षियों को अधिक प्रभावित करता है। यह इंफेक्शन चिकन, टर्की, गीस और बत्तख की प्रजाति जैसे पक्षियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इससे इंसान और पक्षियों की मौत तक हो सकती है।
3 प्रकार के होते हैं वायरस
यह वायरस तीन प्रकार के होते हैं। बर्ड फ्लू की पहचान एच 5 एन से होती है। यह वायरस काफी खतरनाक होते हैं जिनसे इंसान या जानवर की जान भी जा सकती है। ठ यह वायरस सिर्फ इंसानों में पाया जाता है। जिसमें ज्यादा खतरा नहीं होता है। हालांकि इस वायरस के सब टाइप का पता न चलने पर यह कभी-कभी काफी घातक साबित हो जाता है। इसमे इंसान ज्घ्यादा बीमार नहीं पड़ता है। यह नॉर्मली इलाज से सही हो जाता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण

  • खांसी
  • गले में खराश या कर्कश आवाज
  • तेज बुखार
  • बंद नाक या नाक बहना
  • हड्डीयों में दर्द
  • जोड़ों में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • नाक से खून बहना
  • छाती में दर्द
  • ठंड लगना
  • थकान
  • सिरदर्द
  • भूख कम लगना
  • सोने में दिक्कत
  • पेट संबंधी परेशानियां
  • मसूड़ों से खून आना
  • थूक के साथ खून आना

बर्ड फ्लू से बचाव 
जहां पर बर्ड फ्लू का प्रकोप है वहा पर जाने से पहले सावधानि बरतें।
मरीज को एकांत में रखें
मरीज का कमरा अलग करें इससे वायरस बाकीयों को होने का खतरा कम होगा। इसके अलावा बात करते समय अपने नाक और मुंह को ढककर रखें।
पालतू पक्षियों से दूर रहें 
संभव हो तो आप ग्रामीण क्षेत्रों, छोटे खेतों और खुली हवा वाले बाजारों में जाने से परहेज करें।
हाथ अच्छे से धोएं
अल्कोहल वाले हैंड सेनिटाइजर्स का इस्तेमाल करें। जिसमे कम से कम 60 प्रतिशत एल्कोहल शामिल हो। यह सबसे आसान और बेहतर बचाव में से अक है।
इन्फ्लूएंजा टीके का प्रयोग
ऐसी जगह में जाने से पहले अपने डॉक्टर से इन्फ्लूएंजा का टीका लगवाने के बारे में बात करें। यह टीका पक्षियों व मानव फ्लू वायरस एक साथ होने के संक्रमण के खतरे को कम करता है।
क्रॉस कंटैमिनेशन से बचें 
कटिंग बोर्ड, बर्तन जो पोल्ट्री पदार्थों के संपर्क में आती हैं उनको अच्छे से साबुन वाले गर्म पानी के साथ धोएं।
अच्छे से पकाएं 
जब तक रस साफ नहीं हो जाता तब तक चिकन को पकाते रहें, पकाने के लिए तापमान कम से कम 165 फारेनहाइट (74 सेल्सियस) रखें।
कच्चे अंडों को अलग संभाल कर रखें
अंडे की ऊपरी परत अक्सर पक्षियों के मल से दूषित होती है। इसलिए कच्चे व अधपके अंडों को अलग से संभालकर रखें।
मरे हुए पक्षियों से दूर रहें
अगर आपके आस-पास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें
सही एरिया से खरीदें नॉनवे
जहां से नॉनवेज खरीदें वहां सफाई का पूरा ध्घ्यान रखें। बर्ड फ्लू वाले एरिया में नॉनवेज ना खाएं
तरल पदार्थों का सेवन
अधिक मात्रा में तरल पदार्थों जैसे पानी, सूप और फलों के रस आदि का सेवन करने से इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।
शारीरिक परिश्रम से बचें
इस समस्या मे आराम की बहुत जरूरत होती है इसलिए ज्यादा शारीरिक परिश्रम ना करें। इससे समस्या बढ़ सकती है
शराब और तंबाकू से बचें।
शराब और तंबाकू का सेवन करने से यह समस्या गंभीर हो सकती है इसलिए इसका सेवन करने से बचें।
भाप लें
इसमें भाप लेने की क्रिया का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। जिससे सांस लेने में होने वाली दिक्कत ठीक हो जाती है।

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