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प्रियंका न गांव को समझती हैं ना गरीबी जानती हैं: प्रधान

अशाेक यादव, लखनऊ। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हर घर को मुफ्त गैस कनेक्शन और शौचालय की सुविधा से लैस करने की योजनाओं को आजाद भारत की दो सबसे प्रभावशाली योजनायें बताते हुये कहा है कि इन दोनों योजनाओं ने देश के सामाजिक ढांचे में सकारात्मक बदलाव किया है। मगर, दुर्भाग्यवश कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को यह बदलाव समझ में नहीं आता है, क्योंकि न तो वे गांव को समझती हैं और न ही गरीब को जानती हैं। भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रभारी प्रधान ने सोमवार को लखनऊ में कहा प्रियंका कहती हैं कि टॉयलेट और गैस सिलेंडर देने से महिला सशक्तिकरण नहीं होता।

उन्होंने कहा कि प्रियंका उन महिलाओं की पीड़ा का अहसास नहीं है। जिन्हें शौच जाने के लिए सूर्यास्त से पहले और सूर्यास्त के बाद के अंधेरे का इंतजार करना पड़ता था। उनका वास्ता जमीनी हकीकत से नहीं है, इसलिए ही वे ऐसा बोलतीं हैं। उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी ने उज्जवला योजना और हर घर को शौचालय की सुविधा से लैस करने की योजना को व्यर्थ की कवायद बताते हुये कहा है कि मुफ्त में गैस कनेक्शन देने के बाद गरीब परिवार काफी महंगे गैस के सिलेंडर भरवाने की स्थिति में नहीं हैं।

प्रधान ने कहा कि सरकार ने इन योजनाओं की शुरुआत उप्र से की थी। उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं थी। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा थी कि उप्र का सामाजिक परिवेश बदलेगा तो इसका संदेश पूरे देश में जायेगा। उन्होंने दावा किया कि उप्र में केंद्र सरकार की सभी गरीब कल्याण योजनाओं को सफलता पूर्वक जमीन पर उतारने का काम किया गया है। इससे प्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। प्रधान ने कारोना काल में अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में अपने घर वापस लौटने वाले उन कामगारों को योगी सरकार के विकास का सबूत बताया जो अपने गांव लौटने के बाद वापस दूसरे राज्यों में काम के लिये नहीं गये। उन्होंने कहा, “बहुत से लोग कारोना काल में देश के विभिन्न हिस्सों से उप्र स्थित अपने घर की ओर लौटे।

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