लखनऊ : पेट्रोल-डीजल की कीमतें मौजूदा समय में अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। कहा जा रहा है कि कीमतें अभी और बढ़ सकती हैं। एक दिलचस्प बात यह है कि जो देश भारत से तेल खरीदते हैं, वे हमसे सस्ती कीमत में इसे बेचते हैं। देखते हैं कि पेट्रोल के दाम आसमान क्यों छू रहे हैं और कैसे तय होती है इनकी कीमत :
। कच्चे तेल की कीमत हालांकि अभी 70 डॉलर प्रति बैरल है। याद होगा कि 2013-14 में यह रेट 107 डॉलर प्रति बैरल तक पहंच गया था। उस वक्त जब कीमतें सरकारी नियंत्रण से मुक्त हो गईं तो इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ा। हालांकि इंडियन बास्केट के कच्चे तेल की कीमत घटी, लेकिन कई तरह के टैक्स की वजह से देश में पेट्रोल-डीजल महंगा होता चला जा रहा है।
बिगत वर्षो में बारह बार ब ढ़ी कीमत
बीते चार साल में सरकार ने कम से कम एक दर्जन बार ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद शुल्क में इजाफा किया है। नतीजतन मौजूदा सरकार को पेट्रोल पर मनमोहन सिंह की सरकार के कार्यकाल में 2014 में मिलने वाली एक्साइज ड्यूटी के मुकाबले 10 रुपये प्रति लीटर ज्यादा मुनाफा होने लगा। इसी तरह डीजल में सरकार को पिछली सरकार के मुकाबले 11 रुपये प्रति लीटर ज्यादा मिल रहे हैं।