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पर्यावरण संबंधी स्वीकृति के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करे केन्द्र : उच्चतम न्यायालय

अशाेक यादव, लखनऊ। उच्चतम न्यायालय ने बुनियादी ढांचे से संबंधित विभिन्न विकास परियोजनाओं को दी जाने वाली पर्यावरण संबंधी स्वीकृति की समीक्षा करने के लिए केन्द्र सरकार को एक विशेषज्ञ समिति का गठन करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने मंगलवार को गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिए।

एनजीओ ने पश्चिम बंगाल में भारत-बंगलादेश सीमा पर राष्ट्रीय राजमार्ग-112 के चौड़ीकरण तथा पुलों के निर्माण के मद्देनजर 350 पेड़ों को काटे जाने को लेकर सर्वोच्च अदालत में एक याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रह्मणयम ने केन्द्र, पश्चिम बंगाल सरकार और एनजीओ को निर्देश दिया कि विकास परियोजनाओं के लिए पेड़ों को काटे जाने की समीक्षा करने के लिए विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के नाम एक-दूसरे से साझा करने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा,“ किसी को तो पेड़ों के संरक्षण की समीक्षा करनी होगी और जब आप एक बार किसी सड़क का निर्माण करने का फैसला लेते हैं और विशेषज्ञ समिति यह सुझाव देती है कि कौन से पेड़ कभी नहीं काटे जाने चाहिए और कौन से पेड़ काटे जाने चाहिए।” न्यायालय ने वन्य जीव संरक्षण अधिनियम का मसौदा तैयार करने वाले रंजीत सिंह को भी विशेषज्ञ समिति में शामिल करने का सुझाव दिया। शीर्ष अदालत ने केन्द्र को इस संबंध में 18 मार्च तक जवाब देने को कहा है।

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