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दूसरी पार्टियों व संगठनों के लिए कानून तोड़ना एक आम बात: मायावती

नई दिल्ली। बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मायावती ने आज यहाँ कहा कि बी.एस.पी. पूरी तरह से एक अनुशासित पार्टी है तथा इसके लोगों द्वारा कानून को अपने हांथ में नहीं लेने की जो अच्छी परम्परा है वह पूरी तरह से आज भी बरकरार है जबकि दूसरी पार्टियों व संगठनों के लिए कानून तोड़ना एक आम बात है, जैसाकि लोगों को देश में अक्सर हर जगह देखने को मिलता है और जिससे आमजनता को अनेकों प्रकार की परेशानी नित्य दिन झेलनी पड़ती है। इसी संदर्भ में आज अपने एक बयान में मायावती ने कहा कि दिल्ली के खासकर तुगलकाबाद क्षेत्र में कल जो तोड़फोड़ आदि की घटनायें घटित हुई हैं।

जिससे आमजनता को काफी संकट झेलना पड़ा है वह अनुचित है तथा उससे बी.एस.पी. का कुछ भी लेना-देना नहीं है। बी.एस.पी. संविधान व कानून का हमेशा पूरा-पूरा सम्मान करती है तथा इस पार्टी का संघर्ष कानून के दायरे में ही रहकर होता है। हमें अपने संतों, गुरुओं व महापुरुषों के सम्मान में बेकसूर लोगों को किसी भी प्रकार की तकलीफ व क्षति नहीं पहुँचानी है। इसके अलावा, बी.एस.पी. के लोगों को किसी भी अति-दुःखद घटना आदि के घटित होने के बाद अगर सरकार वहाँं पर धारा 144 के तहत प्रतिबंध आदि लगाती है तो उसका भी उल्लंघन नहीं करना है व अन्य पार्टियों के नेताओं की तरह घटनास्थल पर जबर्दस्ती जाने का प्रयास नहीं करना है ताकि सरकार को निरंकुश व द्वेषपूर्ण कार्रवाई करके प्रताड़ित करने का कोई मौका नहीं मिल सके। वैसे इस मामलें में ताजा उदाहरण युपी के सोनभद्र जिले का ही है जहाँ भू-माफियाओं ने गरीब आदिवासी समाज की जमीन हड़पने की कोशिश में सामूहिक नरसंहार किया।

जिसके फलस्वरूप यहाँ की राज्य सरकार ने वहाँ धारा 144 लगाया व नेताओं के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस कारण बी.एस.पी. के लोग तत्काल वहाँ पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं जा सके, लेकिन फिर बाद में पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर पार्टी का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमण्डल सरकारी अनुमति से वहाँ गया और पीड़ितों की मदद करने की कोशिश की। इससे पूर्व में सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर काण्ड के सम्बंध में भी बी.एस.पी. का ऐसा ही कानूनी सहयोग का ही रवैया रहा। बी.एस.पी. प्रमुख खुद वहाँ गईं और सरकारी जुल्म-ज्यादती के शिकार पीड़ित परिवारें से मिलीं जब शासन-प्रशासन ने वहाँ जाने की उन्हे अनुमति दी थी। इस प्रकार मायावती ने आशा व्यक्त की है कि बी.एस.पी के लोग अपने नेता का अनुसरण करके आगे बढ़ने का काम करते रहेंगे तथा हर शोषित-पीड़ित परिवार की मदद कानूनी दायरे में रहकर व स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से ही करने की कोशिश करेंगे।

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