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जम्मू-कश्मीर में नहीं चली गोली, छिटपुट विरोध प्रदर्शनों के बीच शांतिपूर्ण मनी ईद

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में सोमवार को छिटपुट विरोध प्रदर्शनों को छोड़कर मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हुई, लेकिन कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगे होने के कारण सड़कों से त्योहार की रौनक गायब रही.केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, जम्मू कश्मीर में लोग नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में बाहर निकले. श्रीनगर और शोपियां में प्रमुख मस्जिदों में नमाज अदा की गयी. प्रशासन ने सोमवार को कहा था कि लोगों को नमाज अदा करने के लिए पास की मस्जिदों में जाने की इजाजत होगी. प्रधान सचिव और जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के आधिकारिक प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, राज्य की मस्जिदों में ईद की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से बीत गयी. तीन छिटपुट प्रदर्शन हुए लेकिन कोई घायल नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि संभागीय और जिला प्रशासन ने लोगों के ईद-उल-अजहा मनाने में सहूलियत के लिए व्यापक इंतजाम किये थे. उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में अलग-अलग स्थानों पर बाजारों में सरकार ने कुर्बानी के लिए पर्याप्त संख्या में भेड़ उपलब्ध कराये थे. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार हजारों लोगों ने नमाज अदा की.

जम्मू कश्मीर पुलिस ने बताया कि कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर प्रदेश में ईद-उल-अजहा त्योहार शांतिपूर्वक संपन्न हो गया और कश्मीर घाटी में किसी तरह की गोलीबारी की घटना नहीं हुई. पुलिस महानिरीक्षक एसपी पाणी ने बताया कि जम्मू और कश्मीर प्रशासन शांति और व्यवस्था बनाये रखने के लिए प्रतिबद्ध है और पुलिस इस दिशा में काम कर रही है. उन्होंने कहा, अलग-अलग मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गयी और नमाज के बाद मंडली शांतिपूर्ण तरीके से रवाना हुई. कानून और व्यवस्था की कुछ छोटी-मोटी स्थानीय घटनाएं हुई हैं, जिन्हें बहुत ही पेशेवर तरीके से संभाला गया है. अधिकारी ने संवाददाता सम्मेलन में बताया, इन घटनाओं में दो लोग घायल हुए हैं जो रिपोर्ट किये गये हैं. अन्यथा पूरी घाटी की स्थिति शांतिपूर्ण है. मैं कश्मीर घाटी में कहीं भी गोलीबारी की किसी भी घटना का दृढ़ता से खंडन करता हूं.राज्यपाल के प्रवक्ता रोहित कंसल ने ट्वीट किया, अनंतनाग, बारामूला, बडगाम, बांदीपुर में बिना किसी अप्रिय घटना के सभी मस्जिदों में शांतिपूर्ण ढंग से ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की गयी.

बारामूला के जामिया मस्जिद में करीब 10000 लोगों ने नमाज अदा की. प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू के ईदगाह में 4,500 से अधिक लोगों ने नमाज अदा की. इससे पहले जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा था कि घाटी में ईद की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हो गयी. उसने ट्वीट किया, घाटी के अनेक हिस्सों में ईद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गयी. अभी तक किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है. जम्मू में उपायुक्त सुषमा चौहान और बड़ी संख्या में हिंदुओं ने मुसलमानों को बधाई दी. संवेदनशील किश्तवाड़, डोडा, रामबन, पुंछ और राजौरी जिलों से प्राप्त खबर के अनुसार, ईद की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हो गयी. किश्तवाड़ के उपायुक्त एएस राणा ने कहा, ईद की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हो गयी. निषेधाज्ञा में ढील दी गयी थी और लोगों ने खुशी-खुशी ईद मनायी.जम्मू के ईदगाह में नमाज अदा करने वाले इमाम दीन ने कहा कि उन्हें अनुच्छेद 370 की परवाह नहीं है, लेकिन वह चाहते हैं कि पाबंदियां समाप्त हों ताकि वह अपने परिवार से बातचीत कर सकें. कश्मीर के विद्यार्थी खुर्शीद डार की भी यही भावना थी.

उसने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार द्वारा लगाया गया संचार कर्फ्यू समाप्त हो और लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से रहने दिया जाये. पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से घाटी में कड़ी सुरक्षा है, आवाजाही पर प्रतिबंध है और संचार सुविधा बंद कर दी गयी है. इससे घाटी में जनजीवन प्रभावित है. ईद-उल-अजहा के मौके पर घाटी में प्रतिबंधों में थोड़ी छूट दी गई थी, ताकि लोग त्योहार के लिए खरीदारी कर सकें.बहरहाल, कश्मीर के सबसे बड़े त्योहारों में से एक ईद-उल-अजहा की रौनक इस बार नजर नहीं आ रही है. अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन लगातार जम्मू-कश्मीर में स्थिति की समीक्षा कर रहा है. साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रतिबंधों से लोगों को कम से कम परेशानी हो.

इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सरकार ने कश्मीर घाटी में पर्याप्त भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की है और कुछ सामग्री घरों तक पहुंचाये जाने की व्यवस्था करने के लिए भी कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में शांति कायम रखना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना सरकार की प्राथमिकता है. पिछले शुक्रवार को लोगों को पास की मस्जिदों में जाने और नमाज अदा करने की इजाजत दी गयी थी.राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने की गत बुधवार को घोषणा की थी. उससे पहले इससे संबंधित प्रस्ताव को संसद के दोनों सदनों ने मंजूरी दी थी. शनिवार को कोविंद ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने के संसद से पारित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. ये दोनों केंद्रशासित प्रदेश 31 अक्तूबर को अस्तित्व में आ जायेंगे.

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