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गिट्टी-बालू के खनन और परिवहन को सरकार ने दी मंजूरी, कोरोना हाटस्पॉट इलाकों में आदेश लागू नहीं

अशोक यादव, लखनऊ।

सरकारी परियोजनाएं और बड़े निर्माण कार्यों की बाधाएं दूर करने के लिए शासन ने प्रदेश में गिट्टी, बालू, मौरंग, बोल्डर के खनन और परिवहन की अनुमति दे दी है।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चिन्हित हाट स्पॉट इलाकों पर यह आदेश लागू नहीं होगा।

खनिजों का खनन शुरू होने से राज्य में रियल इस्टेट और निर्माण कार्यों को फिर से शुरू कराने में मदद मिलेगी।

खनन और परिवहन के दौरान कोरोना संक्रमण के बचाव का पूरा ध्यान रखने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। 

सचिव भूत्व एवं खनिकर्म विभाग डा. रौशन जैकब ने खनिजों के खनन और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है।

जिसमें 20 अप्रैल से गिट्टी, बालू, मौरंग आदि के खनन और परिवहन का काम शुरू कराने को कहा गया है। 

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन खनिजों के खनन और परिवहन के दौरान कराने के निर्देश दिए गए हैं।

सचिव ने निर्देशित किया है कि खनन के कार्य में न्यूनतम मजदूर और न्यूनतम मशीनों का उपयोग ही किया जाए।

खनन पट्टाधारकों से कोरोना से बचाव के लिए किए जाने वाले सुरक्षा उपायों की जानकारी ली जाएगी।

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सोशल डिस्टेसिंग, मशीनों और मजदूरों की संख्या, मजदूरों तथा कर्मचारियों के लिए सैनिटाइजेशन सुनिश्चित की जाएगी।

उपलब्ध सुरक्षा उपकरण के साथ ही मशीनों और वाहनों के सैनिटाइजेशन की व्यवस्था खनन स्थल पर सुनिश्चित की जाएगी। 

आदेश में लिखा है कि वर्तमान में लाक डाऊन के कारण खनिजों की मांग काफी कम है।

इसके बाद एक जुलाई से मानसून सत्र के दौरान खनिजों के खनन और परिवहन पर प्रतिबंधित रहेगा।

इसे ध्यान में रखते हुए खनिजों का भंडारण किया जाना आवश्यक है।

इसके लिए नए भंडारण की स्वीकृति और नवीनीकरण पत्रों को स्वीकृत करने को कहा है। 

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