लखनऊ। मई महीने के पहले हफ्ते में आसमान से आग बरस रही है। प्रदेश के हमीरपुर और फतेहपुर जिले में अधिकतम तापमान 47 डिग्री के पार पहुंच गया। ऐसे में इस साल गर्मी ने 10 साल पुराने रिकार्ड को तोड़ दिया है। बुधवार को भी लखनऊ समेत कई जिलों में 12 बजते-बजते 44 डिग्री से ऊपर पारा पहुंच गया। बेहाल करने देने वाली गर्मी और लू से लोग परेशान दिखे। सुबह होते ही सूरज की तेज तपन, दोपहर तक आग बनकर बरसने लगती है। भीषण गर्मी के चलते दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। लोग सड़कों पर सिर्फ जरूरी काम से ही निकल रहे हैं। देर शाम तक तापमान में कमी न होने के चलते रात में भी उमस से राहत नहीं मिल रही।
मौसम विभाग ने आशंका जाहिर की है कि अगले दो तीन दिनों में तापमान और बढ़ सकता है। बुधवार को राजधानी लखनऊ में दोपहर के बाद ही सन्नाटा छा गया। दिन भर कोई नजर नहीं आया। लखनऊ कानपुर के अलावा बांदा, महोबा, कन्नौज, इटावा, हमीरपुर, हरदोई, फतेहपुर, फर्रुखाबाद, फतेहपुर समेत कई शहरों में अप्रैल और मई में गर्मी ने पिछले 10 वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया है। अभी तक इन महीनों में अधिकतम तापमान 18 तारीख के बाद ही 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर था। मौसम विभाग का अनुमान है कि मई महीने के शुरुआती दिनों में पड़ रही भीषण गर्मी से 13 मई को राहत मिल सकती है।
12 की रात से मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। अगले दिन घने बादलों के बीच हवा के साथ हल्की बारिश की संभावना है। इससे तापमान में कमी आ सकती है। फिलहाल यह स्थिति एक दो दिन तक रह सकती है। मौसम विभाग के अनुसार गर्मी बढ़ने के पीछे
वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ने, आसमान में पहुंचने वाले कार्बन गैस की अधिकता है। पिछले पांच सालों में मौसम बदलाव का यह सिलसिला तेज हुआ है, जिसका प्रभाव अब सामने आने लगा है। पिछले दिनों देश भर के मौसम विज्ञानियों के सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और वातावरण में बढ़ रही गर्मी को लेकर चिंता जाहिर की थी। चेतावनी जारी की गई थी कि अगर वातावरण में बढ़ने वाले कार्बन और मीथेन गैस में कमी नहीं की जाती है तो तापमान में बढ़ोतरी रुक नहीं पाएगी।
गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग भी 20 हजार मेगावाट को पार कर गई है। अप्रेल के आखिरी सप्ताह में भी यह अधिकतम 21 हजार मेगावाट तक पहुंच गई। मई जून में यह संकट और बढ़ेगा। बिजली की डिमांड बढ़ने के चलते बिजली फाल्ट भी बढ़ रही है। कटौती भी हो रही है। इससे यूपी पावर कारपोरेशन के अधिकारियों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। गर्मी अभी और बढ़ेगी जिससे चलते बिजली की डिमांड भी बढ़ने की पूरी संभावना हैं। कॉरपोरेशन ने लगभग छह महीने पहले ही गर्मियों में बेहतर और अधिक बिजली आपूर्ति की रणनीति तैयार की थी। इसके तहत अधिकतम डिमांड 21 हजार मेगावाट तक रहने की उम्मीद जताई गई थी। इसके आधार पर ही ग्रिड की क्षमता भी बढ़ाकर 22 हजार मेगावाट की गई। केंद्रीय पूल से पहले से समझौता कर सस्ती दरों पर अधिक बिजली खरीद ली गई। हालांकि गर्मी बढ़ने के साथ यह तैयारियां भी डगमगाने लगी है।