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खिलाड़ी के खेलने के स्थान के अनुसार  उसमें आवश्यक कला व गुण होने चाहिए

ग्वालियर: लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान, ग्वालियर में खेल प्रबंधन व कोचिंग विभाग द्वारा वाॅलीबाल, बास्केटबाॅल व जिम्नास्टिक में “कोचिंग, ट्रेनिंग व आॅफिसिएटिंग” पर आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के तीसरे दिन शुक्रवार (23 मार्च 2018) को प्रातःकालीन सत्र में जिम्नास्टिक का व्याख्यान डाॅ. पवन भोएर ने लिया। अपने व्याख्यान में डाॅ. भोएर ने कहा कि हमें जमीनी स्तर पर कार्य करने के साथ ही उन जिम्नास्ट पर विशेष ध्यान देने की आवश्यक्ता हैं जो शीघ्र ही प्रतियोगिताओं में स्पर्धा लिए तैयार हैं। एक कोच के तौर पर हमें खिलाड़ियों के प्रदर्शन का सूक्ष्म आकंलन करना चाहिए व खिलाड़ियों के स्किल को निखारने के लिए उन्हें हमेशा प्रोत्साहित करना चाहिए। खिलाड़ियों की गलती को कभी भी नजरअंदाज नही करना चाहिए तथा नवीन तकनीकों के माध्यम से खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में खिलाड़ियों की सहायता करनी चाहिए।

 

बास्केटबाॅल का व्याख्यान डाॅ. बी.एस तोमर ने दिया। डाॅ. तोमर ने कहा कि खिलाड़ी के खेलने के स्थान के अनुसार  उसमें आवश्यक कला व गुण होने चाहिए। एक खिलाड़ी को व्यवहारिक दृष्टिकोण का होना चाहिए जिससे कि वह मैच के अनूसार रणनीतिक बदलाव के तहत आक्रामक व रक्षात्मक खेल को अपना सके। एक कोच को खेल की अच्छी समझ व अपने खिलाड़ियों के मध्य अच्छी समझ होनी चाहिए नही तो वह अपनी टीम से अच्छा प्रदर्शन कराने में असफल होगा।

 

वाॅलीबाल का व्याख्यान शैलेन रामडु ने लिया, व्याख्यान में प्रतिभागियों को राष्ट्रीय स्तर के टीमों व क्लबों के बारे में चर्चा की।  रामडु ने प्रतिभागियों को बताया कि कैसे एक राष्ट्रीय टीम व क्लब कार्य करती हैं और वह कैसे अपने लिए पैसे बनाती हैं। एक खिलाड़ी को ऐसे टीमों व क्लबों  में जाने के लिए अच्छे प्रदर्शन की आवश्यक्ता होती हैं अंतः खिलाड़ियों को अपने फिटनेस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। खिलाड़ी अगर स्पीड, स्ट्रैंथ, स्क्लि में अच्छा हैं तो अच्छी टीमे व क्लब उन्हे स्वतः ही चयनित कर लेती है।

काॅमन सत्र का व्याख्यान डाॅ. जी.वानी भूषणम ने लिया। डाॅ. भूषणम ने स्पोट्र्स साइंटिफिक न्यूट्रिशन पर व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान में डाॅ. भूषणम ने न्यूट्रिशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक मसल्स को बनाने, अस्थियों के मजबूत बनाए रखने में व शरीर में आॅक्सीजन की अधिकतम मात्रा को जल्द से जल्द पहुुंचाने में, न्यूट्रिशन की भूमिका अहम हैं। डाॅ भूषणम ने खिलाड़ियों के लिए संतुलित भोजन करने पर जोर डालते हुए कहा कि खिलाड़ी को खेल के दौरान अलग-अलग माइक्रोन्यूट्रिएंटस की आवश्यक्ता होती हैं अंतः संतुलित भोजन होना आवश्यक है। कोई व्यक्ति यदि शाकाहारी हैं तो उन्हें दाल की अधिक मात्रा का सेवन करना चाहिए। खिलाड़ियो को हाइड्रेशन लेवल व ट्रेनिंग डाइट का अच्छी जानकारी होनी चाहिए विशेषतः ट्रेनिंग के पूर्व, दौरान व उपरांत क्या, कैसे व कितना खाएं।

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