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केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए हिमाचल प्रदेश की मदद और बाढ़ग्रस्त पंजाब को किया दरकिनार

पंजाब : बाढ़ का सामना कर रहे पंजाब से केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है। केंद्र ने पंजाब के पड़ोसी तीन राज्यों को बचाव कार्यों के लिए अतिरिक्त कंपनियां देने का फैसला किया है। हिमाचल प्रदेश व राजस्थान समेत देश के दस राज्यों में हालात का जायजा लेने के लिए टीमें भेजने का फैसला भी ले लिया है, लेकिन पंजाब को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है। यही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय बैठक में हिमाचल प्रदेश, ओडिसा और कर्नाटक को 4432.10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मदद देने का फैसला भी पंजाब को अनदेखा करते हुए ले लिया गया है। नई दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनडीएमसी) की बैठक में हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली में बाढ़ की मौजूदा स्थिति की समीक्ष की और इन राज्यों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राज्यों की जरुरत के अनुसार सहायता भेजने के निर्देश भी दिए।

लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री ने पंजाब को छोड़ बाकी राज्यों- असम, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल में एनडीएमसी की टीमें भेजने का फैसला लिया और तीन राज्यों के लिए 4432.10 करोड़ की अतिरिक्त मदद का फैसला लेते हुए उड़ीसा को समुद्री तूफान से हुई तबाही के लिए और कर्नाटक को सूखे से निपटने के लिए राशि दी गई जबकि हिमाचल को ओलावृष्टि से फसल खराब होने के एवज में दी गई। बैठक में, पंजाब में रबी सीजन के दौरान खराब मौसम से हुए फसलों के नुकसान पर इस बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। दूसरी ओर, पंजाब के 13 जिलो में 500 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और इनमें 28 हजार हेक्टेयर में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ऐलान कर चुके हैं कि मौजूदा बाढ़ से 1700 करोड़ रुपये के जान-माल का नुकसान हुआ है।

उन्होंने इस आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मदद लेने की बात भी कही है लेकिन केंद्र सरकार के उक्त रवैये से पंजाब सरकार चिंतित है। सरकार की ओर से फैसला किया गया है कि सभी प्रभावित जिलों से नुकसान के आंकड़े जुटाकर एक रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरु कर दिया गया है, जिसे केंद्र सरकार के समक्ष रखकर सहायता की मांग की जाएगी। उधर, प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को एक पत्र लिखकर पंजाब में बाढ़ से निपटने के लिए सहायता देने का आग्रह किया है। अपने एक पन्ने के पत्र में बाजवा ने पंजाब में बाढ़ के मौजूदा हालात की जानकारी प्रधानमंत्री को दी है। प्रधानमंत्री को बताया है कि बाढ़ से फसलों, पशुधन को भारी नुकसान पहुंचा है। हजारों एकड़ भूमि पर फसलें पानी में डूब गई हैं, जिसका सीधा असर किसानों को भारी आर्थिक नुकसान के रूप में सामने आ रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वे राज्य सरकार को मौजूदा त्रासदी से निपटने में सहायता करें।

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