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केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट में संशोधन कर उसे मूल स्वरूप में बहाल करने के विरोध में सवर्ण समुदाय के संगठनों ने आज भारत बंद बुलाया

लखनऊ : केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट में संशोधन कर उसे मूल स्वरूप में बहाल करने के विरोध में सवर्ण समुदाय के संगठनों ने आज यानी 6 सितंबर को भारत बंद (Bharat Bandh) बुलाया था . मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में बंद को लेकर प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे .  देश के कई इलाकों से सवर्ण संगठनों के भारत बंद के मद्देनजर एहतियातन कदम उठाए गये।  .मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जहां स्कूलों-कॉलेजों को बंद रखने के आदेश दिये गये हैं, वहीं, मध्य प्रदेश के 10 जिलों में एहतियात के तौर पर धारा 144 लगा दी गई है. धारा 144 भारत बंद के अगले दिन यानी 7 सितंबर तक प्रभावी रहेगी. इसके अलावा, मध्य प्रदेश में कई जगहों पर पेट्रोल पंप को भी बंद रखने का फैसला किया गया है.  इसके अलावा, मध्य प्रदेश में कई जगहों पर पेट्रोल पंप को भी बंद रखने का फैसला किया गया है.

गौरतलब है कि पिछली बार 2 अप्रैल को भारत बंद एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Amendment Bill) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने बुलाया था. तब सबसे ज्यादा हिंसा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग में हुई थी. इस वजह से इस बार मध्य प्रदेश प्रशासन इस बार भारत बंद को देखते हुए पूरी तरह सतर्क है. हालांकि, दलितों के बंद के विरोध में उस वक्त भी कुछ दिन बाद ही सवर्णों ने बंद का आह्वान किया था.

अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) कानून में केंद्र सरकार के संशोधनों के खिलाफ अनारक्षित समुदाय के गुरुवार को बुलाये गये बंद के दौरान यहां प्रमुख मंडियों और बाजारों में आधे दिन तक कारोबार ठप रहा. इससे करोड़ों रुपये के कारोबार पर असर पड़ा. अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने बताया कि सम्बद्ध कानून में संशोधनों के खिलाफ आधे दिन तक स्थानीय मंडियां और बाजार बंद रखने की अपील को करीब 110 कारोबारी संगठनों ने अपना समर्थन दिया.

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