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किसानों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की जगह पुलिसकर्मियों पर किया पथराव

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों के ऊपर की गई पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन दिया गया था लेकिन पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया और एक राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया।

शनिवार को भाजपा की एक बैठक के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए एक राष्ट्रीय राजमार्ग पर करनाल की ओर बढ़ रहे किसानों के एक समूह पर कथित तौर पर पुलिस ने लाठियां बरसायीं जिससे लगभग 10 लोग घायल हो गए।

बैठक के बाद शनिवार शाम करनाल में संवाददाताओं से बातचीत में खट्टर ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पहले सरकार को आश्वासन दिया था कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा। खट्टर ने कहा कि अगर उन्हें विरोध प्रदर्शन ही करना था तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए था, इस पर किसी को आपत्ति नहीं होती।

पहले उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन दिया था। लेकिन अगर वे पुलिस पर पथराव करेंगे, राजमार्ग अवरुद्ध करेंगे तो पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम तो उठाएगी।

करनाल में भाजपा की बैठक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी की राज्य स्तर की बैठक थी और ‘मैं किसान संगठनों द्वारा इसका विरोध करने के लिए किए गए आह्वान की निंदा करता हूं। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन के कार्यक्रम का किसी मुद्दे पर या किसी भी कारणवश से विरोध करना तो खुद में ही अलोकतांत्रिक हैं।

हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नवदीप सिंह विर्क ने पहले बताया था कि सिर्फ चार प्रदर्शनकारी घायल हुए, जबकि 10 पुलिसकर्मियों को चोट आईं। उन्होंने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और उन पर हमला करने की कोशिश की।

करनाल पुलिस की महानिरीक्षक ममता सिंह ने कहा, ”हमने आंशिक तौर पर बलप्रयोग किया क्योंकि वे राजमार्ग जाम कर रहे थे। पुलिस पर कुछ पथराव भी हुआ। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंशिक तौर पर बल प्रयोग किया गया।”

इसी बीच भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने रविवार को करनाल के एक अस्पताल में जाकर कुछ घायल किसानों से मुलाकात की और पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की निंदा की।

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