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कमांडिंग-इन-चीफ मध्य वायु कमान एयर मार्शल सिन्हा आज होंगे सेवानिवृत्त , कार्यभार सौंपा

लखनऊ : एयर मार्शल एस बी पी सिन्हा पी वी एस एम ए वी एस एम वी एम ए डी सी वायु अफसर कमांडिंग – इन – चीफ मध्य वायु कमान भारतीय वायु सेना ने अपनी सेवा निवृत्ति पर 31 दिसम्बर 18 को कार्य-भार सौंप दिया। इन्हें हण्टर, मिग-21, मिराज-2000 तथा एस यू-30 एम के-1 लड़ाकू विमानों में 3900 से भी अधिक घण्टो तक उड़ान भरने का अनुभव है। यह एक वायु सेना परीक्षक तथा रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के स्नातक हैं। इन्होंने फ्रांस से ऑपरेशनल इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर कोर्स तथा संयुक्त राज्य अमेरिका से एक्जीक्युटिव कोर्स ऑन सिक्योरिटी स्टडीज पाठ्यक्रम उत्तीर्ण किया है।

इन्होंने अपने चार दशकों के यशस्वी सेवाकाल के दौरान अनेक महत्वपूर्ण स्टाफ, कमांड तथा निर्देशक नियुक्तियों पर कार्य किया है। इनकी कमाण्ड, निर्देशक तथा स्टाफ नियुक्तियों में एयर क्रू एग्जामनिंग बोर्ड में वायु सेना के परीक्षक, एक मिग-21 स्क्वाड्रन के कमांडिंग अफसर,

एलेक्ट्रॉनिक वारफेयर रेंज के कमांडेंट, इजराइल में अवाक्स परियोजना दल के टीम लीडर तथा एक प्रमुख एस यू-30 एम के आई बेस के वायु अफसर कमांडिंग के रुप में कार्य उल्लेखनीय है।
इन्होंने वायु सेना मुख्यालय में उप वायु सेनाध्यक्षए सहायक वायु सेनाध्यक्ष [ योजना ] , योजना एवं सी-41 एस आर तथा आवप्ति के प्रधान निदेशक तथा संक्रिया [ इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर ] के उपनिदेशक पदों पर अपनी सेवायें दी हैं। इन्होंने 01 जनवरी 2016 को मध्य वायु कमान के वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ का कार्यभार ग्रहण किया।
एयर मार्शल सिन्हा ने हमेशा उच्च कोटी की व्यवसायिक दक्षताए परस्पर सहयोगी कार्य वातावरण तथा सामाजिक पर्यावरण एवं जीवन में गुणात्मक सुधार पर विशेष बल दिया है। इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान आधुनिकीकरणए गतिशीलता तथा उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम सदुपयोग पर विशेष बल दिया। इनके सेवाकाल के दौरान भारत सरकार की उड़ान परियोजना को विशेष गति प्राप्त हुई। आर सी सी की उड़ान संक्रिया तथा नागरिक उड़ान संक्रिया के संरचनात्मक विकास को मध्य वायु कमान द्वारा विशेष प्राथमिकता प्रदान की गयी।
अद्यतन तकनीक को सामान्य रुप से भारतीय वायु सेना तथा विशेष रुप से मध्य वायु कमान में तेजी से अपनाने हेतु आधुनिकतम श्रेणी के शस्त्र प्रणाली को सदैव प्राथमिकता प्रदान की है। कार्मिकों तथा उनके परिवार का कल्याण तथा उनके जीवन में गुणात्मक सुधार इनकी दृष्टि में सदैव उच्च प्राथमिकता का कार्य रहा है क्योंकि इनका मानना था कि इससे संगठन की कार्य क्षमता में सीधी बढ़ोत्तरी होती है।

आज 31 दिसम्बर 18 को अपने कार्यकाल के अंतिम दिन वायु सेना युद्ध स्मारक पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के साथ-साथ वे मध्य वायु कमान मुख्यालय के सभी कार्मिकों को संबोधित करेंगे तथा उनके साथ परिचर्चा में हिस्सा लेंगे। अंततः मध्य वायु कमान का कार्यभार सौपने के
पूर्व उन्हें रश्मि सम्मान गारद प्रदान किया जायेगा।

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