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कन्हैया कुमार का प्रचार करेंगे दिग्विजय सिंह

बेगूसराय : बेगूसराय से सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह साथ-साथ आ गए हैं. चुनाव की सरगर्मियां जैसे-जैसे तेज हो रही हैं नए-नए राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं. इसी कड़ी में दिग्विजय सिंह और कन्हैया कुमार का नाम भी जुड़ गया है.  भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने कहा कि कन्हैया कुमार उनके लिए प्रचार करने भोपाल आ रहे हैं. कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के प्रत्याशी कन्हैया कुमार भोपाल में दिग्विजय सिंह के लिए प्रचार और जनसभा को संबोधित करेंगे.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे कन्हैया कुमार के समर्थक हैं और वह भोपाल प्रचार करने आ रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं कन्हैया कुमार का समर्थक हूं. मैंने अपनी पार्टी में इस बात को कहा कि आरजेडी ने बहुत बड़ी गलती की. मैंने कोशिश की बात करने की कि ये सीट सीपीआई को देना चाहिए. मुझे इस बात की ख़ुशी है कि 8 और 9 को कन्हैया कुमार मेरा प्रचार करने भोपाल आ रहे हैं.’

भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है. दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके दिग्विजय सिंह ने कहा कि कन्हैया कुमार युवाओं के बीच एक विचारधारा के रूप में उभरे हैं. उधर, बेगूसराय में कन्हैया कुमार का मुकाबला बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और राजद के तनवीर हसन से होगा. बेगूसराय में सोमवार को मतदान होगा, जबकि भोपाल में 19 मई को सात चरणों के आम चुनाव के अंतिम चरण में मतदान होना है. वहीं, मतों की गिनती 23 मई को होगी.

भोपाल संसदीय क्षेत्र के इतिहास
नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि वर्ष 1984 के बाद से यहां भाजपा का कब्जा है. भोपाल संसदीय क्षेत्र में अब तक हुए 16 चुनाव में कांग्रेस को छह बार जीत हासिल हुई है. भोपाल में 12 मई को मतदान होने वाला है. भोपाल संसदीय क्षेत्र में साढ़े 19 लाख मतदाता है, जिसमें चार लाख मुस्लिम, साढ़े तीन लाख ब्राह्मण, साढ़े चार लाख पिछड़ा वर्ग, दो लाख कायस्थ, सवा लाख क्षत्रिय वर्ग से हैं. मतदाताओं के इसी गणित को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा था, मगर भाजपा ने प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार बनाकर ध्रुवीकरण का दांव खेला है.

भोपाल संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की आठ सीटें आती हैं. लगभग चार माह पहले हुए विधानसभा के चुनाव में भाजपा ने आठ में से पांच और कांग्रेस ने तीन सीटें जीती. लिहाजा सरकार में बदलाव के बाद भी भोपाल संसदीय क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा सफलता मिली थी. दिग्विजय सिंह भी प्रज्ञा की उपस्थिति से सियासी माहौल में आने वाले बदलाव को पहले ही भांप गए थे, यही कारण है कि उन्होंने प्रज्ञा का स्वागत करते हुए एक वीडियो संदेश जारी किया था. सिंह स्वयं जहां खुलकर प्रज्ञा पर हमला करने से बच रहे हैं, वहीं कार्यकर्ताओं को भी इसी तरह की हिदायतें दे रहे हैं. सिंह को यह अहसास है कि मालेगांव बम धमाके और प्रज्ञा पर सीधे तौर पर कोई हमला होता है तो चुनावी दिशा बदल सकती है. सिंह भोपाल के विकास का रोड मैप और अपने कार्यकाल में किए गए कामों का ब्योरा दे रहे हैं.

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