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अयोध्या में ‘भूमि पूजन’ के पहले हुई ‘रामार्चा’

अशाेेेक यादव, लखनऊ। अयोध्या में पांच अगस्त को प्रधानमंत्री के हाथों राम जन्मभूमि पर बनने वाले भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन होगा लेकिन धार्मिक नगरी में पूजा का दौर कल से ही शुरू हो गया है और उसी के तहत आज रामार्चा पूजा हुई। पूजा सुबह नौ बजे शुरू हुई और पांच घंटे चली। छह पुजारियों ने यह पूजा कराई।

वैदिक मान्यता है कि इस महायज्ञ को करने से मनुष्य मोक्ष को प्राप्त कर जन्म मृत्यु के फेर से मुक्त हो जाता है। रामार्चा पूजा में भगवान श्रीराम के चार अवतारों की पूजा होती है। मान्यता है कि सभी धार्मिक अनुष्ठानों में रामार्चा पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है। रामार्चा पूजा में चावल, कुमकुम, दीपक, तेल, बाती, फूल,अष्टगंध वेदी पर रखे जाते हैं ।

हनुमान गढ़ी मंदिर में भगवान हनुमान के ‘पताका’ (ध्वज) की विशेष पूजा भी की गई। पूरा राम जन्मभूमि क्षेत्र पीले गेंदे के फूलों से सजा हुआ है। ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा, “पीला एक शुभ रंग है। हिंदू परंपरा में, पीले रंग का उपयोग सभी समारोहों में किया जाता है। यह पवित्रता और प्रकाश का प्रतीक है।”

उन्होंने कहा कि विभिन्न मंदिरों में होने रहे विभिन्न अनुष्ठानों का समापन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘भूमिपूजन’ करने के साथ होगा। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मंगलवार शाम तक अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है। वह उन पांच अतिथियों में शामिल होंगे जिन्हें बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच पर बैठाया जाएगा।

मंच पर मौजूद होने वाले अन्य अतिथियों में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंदिर के निर्माण की देखरेख करने वाले श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास होंगे।

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