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‘अभ्युदय’ योजना के तहत नीट, आईटीआई, जेई, यपीएससी की प्रतियोगी परिक्षाओं की कोचिंग नि:शुल्क होगी प्राप्त: मुख्यमंत्री

अशाेक यादव, लखनऊ। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस यानि उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेरोजगार और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले जरूरतमंद युवाओं तथा दूसरे राज्यों व विदेश में रोजगार के लिए गए यूपी के कामगारों के लिए दो अहम घोषणाएं कीं।

यहां गोमतीनगर विस्तार स्थित अवध शिल्प ग्राम में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आगामी वसंत पंचमी से ‘अभ्युदय’ के नाम से एक नयी योजना शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत नीट, आईटीआई, जेई, यपीएससी की प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करने वाले जरूरतमंद युवाओं को अब अपने जिले व मण्डल में ही नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा प्राप्त होगी। 

योजना की शुरूआत  प्रदेश के 18 मण्डल मुख्यालयों से की जाएगी, उसके बाद इस योजना का हर जिले में विस्तार होगा। योजना के तहत इन प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रदेश सरकार के अनुभवी अधिकारियों के अलावा विश्वविद्धालयों के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों का पैनल तैयार किया जाएगा जो फिजिकली और वर्चुअली इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं का मार्गदर्शन करेगा। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के युवाओं को राजस्थान के कोटा जाकर कोचिंग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

इसी क्रम में उन्होंने एक और घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश का कोई भी श्रमिक या कामगार अगर किसी अन्य प्रदेश या विदेश में रोजगार करने जाता है और अगर उसने उ.प्र.सरकार के पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवा रखा है तो आपदा के समय उसे हर तरह की सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदेश सरकार प्रदान करेगी।

उ.प्र. का नाम देश और विदेश में ऊंचा करने वाली विभूतियों के लिए उन्होंने ‘उ.प्र.गौरव सम्मान’ दिये जाने की घोषणा करते हुए कहा कि इस सम्मान के लिए चयन राज्य के मुख्य सचिव द्वारा किया जाएगा। इसी साल राज्यपाल के हाथों प्रदेश की विभूतियों का यह सम्मान दिलवाकर इसकी शुरूआत करवाई जाएगी।

 मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की एक अन्य योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के 18 मण्डल मुख्यालयों पर अटल आवासीय  विद्यालयों की शुरूआत की जा रही है जिनमें निराश्रित व जरूरत बालक-बालिकाएं रहकर पढ़ाई कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इन अटल आवासीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र की शुरूआत इसी बार से कर दी जाएगी।  

इस समारोह में खेल विभाग की ओर से रानी लक्ष्मबाई व लक्ष्मण पुरस्कार से प्रतिभावान खिलाड़ियों को, दुग्ध विकास विभाग की ओर से गोकुल व नंद बाबा पुरस्कार, युवा कल्याण विभाग की ओर युवक मंगल दल व महिला मंगल पुरस्कार, कृषि विभाग की ओर से कृषक पुरस्कार मुख्यमंत्री के हाथों प्रदान किये गये। साथ ही तमाम हस्तशिल्पियों व कारीगरों को सम्मानित किया गया उन्हें टूल किट वितरित किये गये। 

मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में  कहा कि उ.प्र. आज एक नय बदलाव के मोड़ पर आ गया है। आज उ.प्र. की पहचान अपराधग्रस्त या दंगाग्रस्त राज्य की नहीं रही बल्कि आज उ.प्र. के विकास के माडल दूसरे राज्यों द्वारा अपनाए जा रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत का आधार बनने का जज्बा लेकर चलने वाली यह ओडीओपी योजना आज केन्द्रीय बजट में भी अपना स्थान बना चुकी है।

देश के प्रधानमंत्री भी इस योजना की सराहना कर चुके हैं।  भारी निवेश के साथ यहां रोजगार की भी सम्भावनाएं बढ़ी हैं। पेशेवर खानदानी अपराधियों पर लगाम कसी जा रही है। चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली, 17 लाख युवाओं को  निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिले और डेढ़ करोड़ युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। पिछले तीन वर्षों में एक लाख 15 हजार करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य किसानों को अदा किया गया। उन्होंने कहा कि ओडीओपी जैसी अन्य योजनाओं के जरिये हम जल्द ही आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।

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