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आईआईटी बीएचयू की बड़ी पहल, काशी के धरोहरों को सहेजने आया आगे

वाराणसी। कहते हैं शिक्षा जब सामाजिक सरोकारों से जुड़ जाए तो ही उसका सही मतलब है। तभी वह सार्थक है। अब यही काम शुरू किया है भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) ने आईआईटी बीएचयू के अलग-अलग विभागों की ओर से ऐसे काम किए जा रहे हैं जिनका सीधे तौर पर समाज से सरोकार है। इसी कड़ी में अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए संस्थान ने अति प्राचीन, ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी काशी के धरोहरों को सहेजने का काम शुरू करने जा रहा है। इसके लिए बाकायदा एक नया डिपार्टमेंट खोला जा रहा है। आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. पीके जैन ने बताया कि प्राचीनतम नगरी वाराणसी के पौराणिक धरोहर को सहेजने के उद्देश्य से नए डिपार्टमेंट आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट की स्थापना की जा रही है। इसमें आईआईटी रुड़की भी मदद के लिए राजी हो गया है। आईआईटी रुड़की न केवल राजी हुआ है बल्कि दोनों संस्घ्थानों के बीच गुरुवार को एमओयू पर हस्ताक्षर भी हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि करार के तहत आईआईटी रुड़की की ओर से बीएचयू को फैक्ट्री, पाठ्यक्रम समेत सभी प्रकार की मदद दी जाएगी। साथ ही रिसर्च वर्क का आदान प्रदान किया जाएगा। दोनों ही संस्थानों की मदद से इस डिपार्टमेंट खोलने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। इस मौके पर बनारस आए आईआईटी रुड़की के निदेशक ए के चतुर्वेदी ने बताया कि केंद्र सरकार ने वाराणसी को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल किया है। ऐसे में आईआईटी बीएचयू में खुलने वाला आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग डिपार्टमेंट काशी की पुरानी पहचान को कायम रखते हुए स्मार्ट सिटी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

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