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Bharat Movie Review: फैन्स के लिए ईद का तोहफा ,सलमान का ‘Slow motion’ अंदाज

सलमान खान ने एक और ईद अपने नाम की है और अपने फैन्स के लिए जोरदार फिल्म भी लेकर आए हैं. सलमान खान अपनी पिछली कुछ फिल्मों में कुछ हटकर करने की कोशिश कर रहे हैं जो ‘भारत’ में भी साफ नजर आती हैं. सलमान खान और अली अब्बास जफर की जोड़ी जब भी साथ आई है दोनों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा खासा रंग जमाया है, और इस बार फिर कुछ मामलों को छोड़ दिया जाए तो दोनों का साथ रंग लाता दिख रहा है. सलमान खान की ‘भारत’ न सिर्फ एक शख्स की कहानी है बल्कि इसके जरिये देश के बदलते स्वरूप और इसकी आत्मा की बात भी कही गई है.

लेकिन फिल्म की लंबाई और बेवजह भरे गए गाने जरूर तंग करते हैं. ‘भारत’ की कहानी सलमान खान की है. फिल्म की कहानी देश के विभाजन से शुरू होती है. भारत अपने पिता से बिछड़ जाता है. लेकिन उसे जिम्मेदारी मिलती है अपने परिवार की देख-रेख की. जिसमें वह हर कीमत पर पूरा करता है. भारत अपने परिवार की खातिर सर्कस में जोखिम उठाता है, वहां उसे दिशा पटानी भी मिलती है लेकिन अपनी जिम्मेदारियों के चलते वह वहां से आगे बढ़ जाता है. फिर जिंदगी में आगे बढ़ता है और तेल की खोज करने वाली कंपनी में काम करता है. फिर उसकी मुलाकात कैटरीना कैफ से होती है, लेकिन भारत यहां भी परिवार को वरीयता देता है और जिंदगी में आगे बढ़ता जाता है. लेकिन कैटरीना उसके साथ रहती है. इस सारे सफर में उसका दोस्त सुनील ग्रोवर उसके साथ रहता है. फिल्म का पहला हाफ जहां भारत के संघर्ष और हल्के-फुल्के पलों से जुड़ा है, वहीं दूसरा पार्ट काफी इमोशनल हो जाता है. यहां फिल्म थोड़ी खींची हुई लगती है. लेकिन फिल्म का कोलाज बहुत बड़ा है, इसलिए डायरेक्टर इस तरह की परेशानी में उलझ सकता है. लेकिन गाने तंग करते हैं और एडिटिंग में कसावट थोड़ी और होती तो मजा आ जाता. एक्टिंग के मोर्चे पर ‘भारत (Bharat)’ में सलमान खान जहां हंसाते-गुदगुदाते हैं, वहीं इमोशनल भी कर जाते हैं. फिर भाईजान के फैन्स को सलमान खान उम्र के कई पड़ाव में नजर आएंगे, लेकिन उनके शरीर की कसावट कहीं कम होने वाली नहीं. ‘भारत’ की खास बात यह भी है कि सलमान खान जब बूढ़े होते हैं तो और भी जमते हैं.

इस तरह का शानदार बुढ़ापा कौन नहीं चाहेगा. कैटरीना कैफ ने फिल्म में अपनी एक्टिंग से जरूर चौंकाया है. कैटरीना कैफ का किरदार दिल में उतर जाता है और वह इस रोल में बहुत ही बेहतरीन भी लगी हैं. सुनील ग्रोवर तो कॉमेडियन के साथ एक अच्छे एक्टर हैं ही, और उन्होंने भारत में इस बात को बखूबी सिद्ध भी कर दिया है. फिल्म के बाकी सभी एक्टर ठीक-ठाक हैं.सलमान खान की ‘भारत’ का ‘स्लो मोशन’ सॉन्ग याद रह जाता है. फिल्म देखने के बाद सलमान खान दिशा पटानी की इस सॉन्ग में केमिस्ट्री काफी देर तक जेहन में छाई रहती है. फिल्म के बाकी गाने थोड़ा तंग करते हैं और फिल्म के फ्लो को अटकाते हैं. अली अब्बास जफर सलमान खान के साथ रंग जमा जाते हैं. इस बार भी इसमें कोई शक नहीं. कहानी और एडिटिंग में गुंजाइश रह जाती है. लेकिन भाईजान की फिल्म ठहरी, तो उनका एक डायलॉग उनकी फिल्म देखते समय जरूर जेहन में रखना चाहिए, ‘मैं दिल में आता हूं समझ में नहीं…’

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